बैतूल , अक्टूबर 19 -- आज के ऐसे दौर में जब लोग संपत्ति और जमीन के लिए झगड़े और लड़ाईयों में उलझे रहते हैं, वही मध्यप्रदेश बैतूल में मुलताई क्षेत्र के ग्राम पिसाटा के समाजसेवी शंकरराव देशमुख एक ऐसा प्रेरक उदाहरण पेश कर रहे हैं, जो सच्चाई और निस्वार्थ सेवा की मिसाल है। उन्होंने गांव में तालाब निर्माण के लिए करीब ढाई एकड़ भूमि दान की है, जिससे ग्रामीणों को जलसंकट से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

देशमुख इससे पहले भी तीन बार अपनी भूमि गांव के विकास कार्यों के लिए दान कर चुके हैं। अब तक उन्होंने चार बार जमीन दान कर चुके हैं, जिससे उनके प्रति ग्रामीणों का सम्मान और बढ़ गया है।

ग्राम पंचायत सरपंच श्रीराम माकोड़े ने बताया कि जब भी गांव में किसी सार्वजनिक परियोजना के लिए भूमि की आवश्यकता होती है, शंकरराव बिना झिझक आगे आते हैं। उन्होंने पहले गायत्री मंदिर निर्माण के लिए एक एकड़, सामुदायिक भवन के लिए 51 हजार वर्ग फीट, और सार्वजनिक भवन के लिए 3 हजार वर्ग फीट भूमि दान की है। इन सभी भूमियों की रजिस्ट्री ग्राम पंचायत के नाम कर दी गई है।

शंकरराव देशमुख केवल भूमि दान तक सीमित नहीं हैं, वे पर्यावरण संरक्षण में भी सक्रिय हैं। वर्ष 2023 में उन्होंने अपने खर्च पर 2 हजार पौधे लगवाए, और 2024 में 500 पौधों का रोपण कर गांव को हरियाली से भर दिया।

अपनी प्रेरणा बताते हुए शंकरराव ने कहा, "गांव मेरा परिवार है। जब गांव को कुछ चाहिए होता है, तो उसे पूरा करना मेरा कर्तव्य है। अगर मेरी जमीन से गांव का विकास होता है, तो इससे बड़ी खुशी मेरे लिए कुछ नहीं।"ग्राम पंचायत और ग्रामीणों ने उनकी निस्वार्थ सेवा को सलाम करते हुए कहा कि शंकरराव देशमुख सच्चे अर्थों में "गांव के रत्न" हैं, और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। ऐसे उदाहरण आज के इस स्वार्थपूर्ण समय में यह संदेश देते हैं कि संपत्ति केवल व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि समाज के कल्याण के लिए भी हो सकती है।

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