जयपुर , नवंबर 19 -- राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोप को आधारहीन एवं निंदनीय बताया हैं।

श्री राठौड़ ने बुधवार को अपने बयान में कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं पर इस प्रकार का हमला केवल राजनीतिक भ्रम फैलाने और जनता को गुमराह करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग देश की सबसे विश्वसनीय और संवैधानिक संस्था है। उसके लिए अनुचित शब्दों का प्रयोग करना श्री गहलोत की हताशा और निराधार राजनीति को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि एसआईआर तो वोटर लिस्ट को अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने की प्रक्रिया है। पहले भी एसआईआर होता रहा है। कांग्रेस जानबूझकर भ्रम फैला कर चुनावी व्यवस्था पर संदेह पैदा करना चाहती है ताकि आने वाले चुनावों में अपनी संभावित हार का बहाना पहले से तैयार कर सके।

उन्होंने कहा कि श्री गहलोत द्वारा एसआईआर को आत्महत्याओं और बंगाल की घटनाओं से जोड़ना संवेदनशील मामलों को राजनीतिक रंग देने जैसा है। बिना किसी प्रमाण के इस तरह के दावे करना अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना है। जनता ऐसे बयानों को गंभीरता से नहीं लेती। गहलोत बार-बार "जनता को सड़कों पर आने" की बात कर रहे हैं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को चुनौती देने जैसा है। यह साफ दिखाता है कि गहलोत बिहार चुनावी पराजय से डरे हुए है और वह जानबूझकर अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे है।

श्री राठौड़ ने कहा कि बिहार में एसआईआर के दौरान वोटर लिस्ट से 65 लाख ऐसे नामों को हटाया गया, जिसकी मृत्यु या पलायन या फिर नाम के दोहराव जैसे कारण सामने आए। ऐसे में इन लोगों का नाम हटाना गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा पूरी तरह पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के पक्ष में है। चुनाव आयोग हर दल को समान अवसर देता है। आयोग पर इस तरह का हमला देश की संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता को चोट पहुंचाने के बराबर है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित