नारायणपुर , अक्टूबर 17 -- छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के दुर्गम इलाकों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए जिला प्रशासन की एक विशेष पहल ने मातृत्व सुरक्षा की नई मिसाल कायम की है। प्रशासन द्वारा चलाए गए विशेष अभियान के तहत 64 गर्भवती माताओं को सुरक्षित संस्थागत प्रसव का लाभ मिला है जिनमें 37 उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाएं भी शामिल थीं।

कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं के निर्देश पर संचालित इस अभियान ने ओरछा विकासखंड के पहुंचविहीन इलाकों - चालचेर, टाहकावाड़ा, जाटलूर, पिडियाकोट, घमण्डी, गोमागाल, गट्टाकाल, आदेर और भटबेड़ा जैसे गांवों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित की। बरसात के दिनों में नदी-नालों के उफान पर आने से यह क्षेत्र दुनिया से कट जाता है, ऐसे में गर्भवती महिलाओं का अस्पताल पहुंचना और भी मुश्किल हो जाता था।

स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से चले इस अभियान में एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा मितानिनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन कार्यकर्ताओं ने गर्भवती महिलाओं को प्रसव तिथि से एक माह पूर्व ही उनके रिश्तेदारों के यहां ठहराने की व्यवस्था की जहां से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र आसानी से पहुंचा जा सके।

इस दौरान प्रशासन ने सभी चिन्हांकित महिलाओं को निशुल्क राशन उपलब्ध कराया। घमण्डी गांव की एक गर्भवती महिला का उदाहरण विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिसे मसपुर में उसके रिश्तेदारों के यहां ठहराया गया और 23 अगस्त को उप स्वास्थ्य केंद्र मसपुर में उसका सफल प्रसव कराया गया।

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