वाराणसी , अक्टूबर 23 -- अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन ने गुरुवार को बताया कि खेतों में अवैध विद्युत फेंसिंग के कारण जनहानि की घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसे में इस तरह का कृत्य करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में किसान अपनी फसलों को जंगली और आवारा पशुओं से बचाने के लिए खेतों के चारों ओर अवैध विद्युत फेंसिंग कर रहे हैं। यह प्रथा अत्यंत खतरनाक और गैरकानूनी है। 22 अक्टूबर को ऐसे तीन अलग-अलग हादसों में तीन लोगों की जान चली गई। आजमगढ़ में दो और मिर्जापुर में एक व्यक्ति की विद्युत प्रवाहित तारों के संपर्क में आने से मृत्यु हो गई। इससे पहले भी सोनभद्र, गाजीपुर, जौनपुर, मऊ और बलिया जनपदों में इस तरह के कई हादसे हो चुके हैं। ऐसे मामलों में, जहां यह सिद्ध हुआ कि फेंसिंग में अवैध रूप से बिजली प्रवाहित की गई थी, दोषियों के खिलाफ हत्या का अभियोग दर्ज कर गिरफ्तारियां की गई हैं।

विद्युत फेंसिंग न केवल खतरनाक है, बल्कि यह विभिन्न कानूनों के तहत दंडनीय अपराध भी है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 के अनुसार, यदि विद्युत प्रवाह से किसी व्यक्ति या पशु की मृत्यु होती है, तो यह गंभीर आपराधिक अपराध माना जाएगा। धारा 105, 106 और 110 बीएनएस के तहत कारावास और आर्थिक दंड का प्रावधान है। यह अपराध गैर-जमानती है।

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