जयपुर , नवम्बर 30 -- विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाली भारत की पहली तथा विश्व की सबसे युवा कंपाउंड तीरंदाज अदिति गोपीचंद स्वामी का मानना है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स जैसे आयोजन किसी भी खिलाड़ी के पेशेवर विकास तथा आर्थिक सुदृढ़ता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होते हैं।

अदिति के अनुसार, इन प्रतियोगिताओं का आयोजन अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होता है और इनमें प्रतिस्पर्धा का स्तर भी उच्च कोटि का रहता है। अदिति ने वर्ष 2023 में बर्लिन में आयोजित विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतकर अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की थी। तीन बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भाग लेने के उपरान्त उन्होंने पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा लिया और शिवाजी विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त किया। इससे पूर्व वह खेलो इंडिया यूथ गेम्स (2022, 2023, 2024) में तीन स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।

जगतपुरा में हुए फाइनल मुकाबले में अदिति ने महिलाओं के कंपाउंड व्यक्तिगत वर्ग में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की तनिपर्थी चिकिथा को 147-143 से पराजित किया। अंतिम चरण के शूट से पहले स्कोर 117-115 था।

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