कोलकाता , नवंबर 22 -- तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने केंद्रीय चुनाव आयोग पर अपना हमला तेज करते हुए आरोप लगाया है कि आयोग एक खास राजनीतिक पार्टी को खुश करने के लिए 'सालों का काम सिर्फ दो महीने में' पूरा करवाने की कवायद में जुटा हुआ है।
सत्तारूढ़ पार्टी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें आयोग पर बहुत अधिक अव्यवस्था, तैयारी की कमी और जल्दबाजी तथा जबरदस्ती वाली एसआईआर प्रक्रिया के जरिए 'जिंदगियों को खतरे में डालने' का आरोप लगाया गया है। गौरतलब है कि टीएमसी का यह नया हमला तब हुआ है जब कृष्णानगर में एक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ने आत्महत्या कर ली और उसने चुनाव आयोग को दोषी ठहराते हुए एक सुसाइड नोट छोड़ा है।
मृतक 54 साल की रिंकू तरफदार छपरा के स्वामी विवेकानंद विद्यामंदिर में पैरा-टीचर थीं और छपरा-दो पंचायत के बूथ नंबर 201 की बीएलओ थीं। शनिवार सुबह उनका मृत शरीर उनके घर पर मिला। टीएमसी ने दावा किया कि एसआईआर ड्यूटी के 'बहुत अधिक दबाव' की वजह से अब तक तीन बीएलओ की मौत हो चुकी है। पार्टी ने आरोप लगाया कि राज्यभर में कुल 34 लोगों की मौत 'एसआईआर प्रक्रिया से जुड़े डर, परेशानी या दबाव की वजह से' हुई है।
टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय में जाकर एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में राज्य के मंत्री अरूप बिस्वास, चंद्रिमा भट्टाचार्य और सांसद पार्थ भौमिक आदि शामिल थे। श्री अरूप बिस्वास ने चुनाव आयोग पर एक खास राजनीतिक पार्टी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। श्री बिस्वास ने आरोप लगाया, "जिस काम में आम तौर पर दो साल लगते हैं, उसे अधिकारियों पर सिर्फ दो महीने में थोपा जा रहा है। हर बूथ पर जानबूझकर 150 से 200 नाम रोल से काटे जा रहे हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट गलतियों से भरी है। इन कमियों और बहुत अधिक दबाव की वजह से लोगों की जान जा रही है।"टीएमसी के ज्ञापन में दोहराया गया कि चुनाव आयोग को इन मौतों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और एसआईआर प्रक्रिया को तुरंत निलंबित करना चाहिए जब तक कि सुधार के उपाय और पूरी तैयारी न हो जाए।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित