रांची , नवम्बर 03 -- झारखंड में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा प्रशासन, राँची ने एक नवंबर को विज्ञप्ति जारी कर खाद्य एवं पेय उत्पादों में "ओ आर एस" (ओरल रिहाईड्रेशन सॉल्यूशन) ब्रांड शब्द पर रोक लगा दी है।
इस संबंध में अभिहित अधिकारी-सह-अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, राँची ने सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि कोई भी खाद्य व्यवसाय संचालक, वितरक, खुदरा विक्रेता, थोक विक्रेता या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अपने किसी भी खाद्य या पेय उत्पाद के ब्रांड नाम, विवरण या प्रचार केसामग्री में "ओ आर एस" शब्द प्रयोग नहीं करेंगे।
एफएसएसएआई ने 14अक्टूबर को अपने आदेश एवं 15 अक्टूबर को स्पष्टीकरण के द्वारा इसे भ्रामक मानते हुए स्पष्ट किया है कि यह केवल चिकित्सीय उपयोग के लिए स्वीकृत उत्पादों में ही इस्तेमाल किया जा सकता है। खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी, राँची डॉ. पवन कुमार ने बताया कि यह आदेश खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 की धारा-16 (1) और 18(2) (डी) के तहत जारी किया गया है। यदि कोई व्यवसाय संचालक या कंपनी इस आदेश का पालन नहीं करती है, तो उस पर अधिनियम की धारा 52 और 53 के तहत दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। जिसमें जुर्माना और कारावास दोनों का प्रावधान है। नोटिस में यह भी कहा गया कि सभी व्यापारी अपने उत्पादों के लेबल, पैकेजिंग, विज्ञापन सामग्री और डिजीटल प्रचार माध्यमों से "ओआरएस" शब्द का प्रयोग तुरंत हटायें।
इस आदेश के अनुपालन में खाद्य सुरक्षा टीम, राँची के द्वारा 01 नवंबर एवं 03 नवंबर को विभिन्न प्रतिष्ठानों एवं दवा दुकानों में निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण के क्रम में कुछ दुकानों में ओआरएस एल के नाम से रेडी टू सर्व बेवरेज पाया गया। दुकानदारों को ऐसे खाद्य उत्पाद एवं पेय पदार्थ जिसमें ओरस टर्म प्रत्यय या उपसर्ग के रूप में लगे हो एवं जो डबल्यूएचओ के द्वारा अनुमोदित ओआरएस उत्पाद नहीं हो ऐसे उत्पादों की बिक्री नहीं करने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 की धारा 32 के तहत नोटिस दिया गया है।
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