बेंगलुरु , दिसंबर 25 -- कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के हिरीयूर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर गुरुवार तड़के बस और लारी की टक्कर के बाद लगी भीषण आग में पीछे आ रही बस के चालक की सूझबूझ से 42 स्कूली बच्चे बाल-बाल बच गये।
यह घटना सुबह करीब 2.05 बजे की है, जब एक कंटेनर ट्रक(लॉरी) डिवाइडर पार कर एक निजी स्लीपर कोच बस से टकरा गया। इससे आग लग गयी और दोनों गाड़ियां जल गयीं। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गयी।
स्लीपर कोच के ठीक पीछे चल रही स्कूली बस भी टक्कर के प्रभाव में आयी, क्योंकि यह घटना कुछ ही सेकंडों में हुईविद्यालय बस चालक सचिन हसन जिले के होले नरसीपुर के निवासी हैं। वे 42 छात्रों को बेंगलुरु के एक निजी स्कूल से डांडेली 'स्टडी टूर' पर ले जा रहे थे। घटनाक्रम को याद करते हुए सचिन ने बताया कि जिस स्लीपर कोच से ट्रक टकराया था उस कोच ने कुछ समय पहले ही स्कूल बस को ओवरटेक किया था।
उन्होंने कहा, "टक्कर के कारण स्लीपर बस मेरी गाड़ी की ओर तेजी से आयी। मैंने तुरत राजमार्ग छोड़ने का निर्णय लिया। सड़क की बाड़ तोड़कर और बस को सर्विस रोड पर ले आया और सभी बच्चे सुरक्षित हैं।"प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि स्थिति तुरंत भयानक हो गयी थी क्योंकि आग भड़क उठी और तेजी से राजमार्ग तक फैल गई।
बचाव अभियान में हिस्सा लेने वाले एक ग्रामीण ने बताया, "वहां बहुत बड़ी आग लगी थी। बस पूरी तरह से आग में घिरी हुई थी। उसके पीछे एक स्कूल बस थी, जिसमें 42 बच्चे थे। चालक ने भाग-भागकर स्थानीय लोगों की मदद से 42 बच्चों को बचाया।"स्थानीय लोगों ने बताया कि टक्कर इतनी अचानक हुई कि प्रतिक्रिया देने तक का समय नहीं था।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "लॉरी बड़ी तेजी से आयी और टकरा गयी। शायद चालक नींद में था या उसने नियंत्रण खो दिया था। हमें ठीक से पता नहीं। प्रतिक्रिया देने तक का कोई मौका नहीं था।"सचिन के सिर पर मामूली चोटें आयी हैं, लेकिन वे स्थिति सामान्य होने तक मदद करते रहे। बाद में स्कूल बस के मालिक ने क्षतिग्रस्त बस की जगह वैकल्पिक वाहन की व्यवस्था की, ताकि छात्र अपना 'स्टडी टूर' जारी रख सकें।
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