, Nov. 6 -- इस अवसर पर भारतीय टीम की धाकड़ बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब हम वो तीन मैच हारे तब हमने स्वयं का संभाला। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस टीम ने यह सबसे अच्छा किया है और इसीलिए यह टीम एक चैंपियन टीम है। इस टीम में यूनिटी थी। मैंने देखा है जब भी कोई अच्छा कर रहा था, सभी खुश हो तालियां बजा रहे थे। और जब भी कोई दुखी होता था, तो हमेशा कोई न कोई होता था। मुझे लगता है कि इसी बात ने टीम को परिभाषित किया।
स्नेह राणा ने कहा, ''मैं जेमी से सहमत हूं हम लोगों ने यही फैसला किया था कि सबकी सक्सेस में तो सब साथ होते हैं, लेकिन जब किसी का डाउनफॉल चलता है तो उस टाइम और भी ज्यादा साथ देना जरूरी है। तो हमने एज ए टीम एज ए यूनिट वही डिसाइड किया था कि कुछ भी हो जाए हम लोग एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे और हमेशा एक दूसरे को ऊपर ही रखेंगे। यह हमारी टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ रहा। क्रांति गौड़ ने कहा कि हरमन दी हमेशा बोलती है कि सब हंसते रहो।
हरलीन कौर देओल ने कहा, ''नहीं सर वास्तव में टीम में आई फील कि ऐसा होना चाहिए एक आधा इंसान जो माहौल लाइट रखे और मेरे को जब भी ऐसा लगता है कि कोई ऐसे बैठा है खाली या फिर मतलब मेरे को ऐसा लगता है मैं ज्यादा ही वेली हूं, तो मैं सबके पास कुछ ना कुछ, कुछ ना कुछ, करके ऐसे करती रहती हूं, तो मतलब मेरे को अच्छा लगता है सर जब मेरे आसपास लोग खुश रहते हैं।''प्रधानमंत्री के सवाल पर हरमनप्रीत कौर ने कहा कि कभी-कभी तो ऐसे लगता था यार साडे नाल ही क्यों हो रहा है? स्ट्रगल लिखी थी कि और मेंटली स्ट्रांग हो सके, और फिजिकली स्ट्रांग हो सके। उन्होंने कहीं ना कहीं यह था कि एक दिन आएगा जिस दिन हम लोग भी ट्रॉफी उठाएंगे और इस टीम में यह एक स्पेशल चीज थी और वो पहले दिन से फील हो रही। उन्होंने कहा, ''इन सबका क्रेडिट जाता है हमारे सारे टीम मेंबर्स को, क्योंकि सबमे एक सेल्फ बिलीव था कि हर टूर्नामेंट में हम इंप्रूव हो रहे थे। जैसे सर ने बोला कि लास्ट दो साल से वो हमारे साथ काम कर रहे हैं और इन दो सालों में हमने अपने मेंटल स्ट्रेंथ के ऊपर बहुत काम किया है क्योंकि जो हो गया था वो पास्ट था, अब उसको हम चेंज नहीं कर सकते थे।''दीप्ति शर्मा ने कहा कि आपसे मिलने का और बस एंजॉय किया और इस चीज का इंतजार था कि आपसे मिलेंगे। लेकिन मेरे को याद है आपने 2017 में मेरे को बोला था कि वही एक प्लेयर है जो उठ के चलना सीखे या उठ के अपने फेलियर से बाहर निकले। बस लगे रहो, मेहनत करते रहो, मेहनत करना मत छोड़ो, तो आपका वो एक वर्ड मुझे मतलब हमेशा मोटिवेट करता है और मैं आपकी स्पीच सुनती रहती हूं। मतलब जब भी ऐसे टाइम मिलता है तो आप बहुत कूल एंड काम रहते हैं अपने उसमें जो क्योंकि काफी लोग कोई बहुत कुछ बोलते हैं, लेकिन उसमें भी आप इतना शांति चीजें हैंडल करते हैं, तो वो मुझे पर्सनली अपने गेम में हेल्प करता है।
प्रधानमंत्री ने दीप्ति शर्मा के टैटू को लेकर सवाल किया आप ये टैटू लगा के घूमती रहती हैं तो हनुमान जी तुम्हें क्या मदद करते हैं। आप तो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी जय श्री राम लिखती हो। दीप्ति ने कहा सर वो भी मतलब उन पर ज्यादा अपने से खुद से ज्यादा उनपे बिलीफ रहता है मुझे, कि जब भी ऐसा मोड़ आता है कि कठिनाइयां आती हैं तो मतलब उनका नाम लेती हूं तो मुझे लगता है कि वो कठिनाइयों से मैं बाहर आ जाती हूं। इतना विश्वास है उनके ऊपर। उन्होंने कहा कि जी इंस्टाग्राम पर पर भी लिखा हुआ है, हां जी।
शेफाली वर्मा ने कहा कि पापा को क्रिकेटर बनना था तो पापा नहीं बन पाए तो पापा ने अपनी छवि अपने बच्चों में दी। मेरा भाई और मैं खेलते थे, तो आई थिंक हम मैच देखते रहते थे तो बहुत ज्यादा इंटरेस्ट बन गया क्रिकेट का, इसलिए मैं क्रिकेटर बन गयी।
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