अमृतसर , अक्टूबर 28 -- जम्मू-कश्मीर के सांबा ज़िले के कौलपुर गांव में मंगलवार को एक पश्चाताप समारोह आयोजित किया गया, जहां एक व्यक्ति ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को आग लगाकर उनकी बेअदबी की थी। श्री अखंड पाठ साहिब के भोग के बाद, गुरबाणी कीर्तन किया गया और प्रायश्चित स्वरूप अरदास की गयी।
इस अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी भी पहुंचे और बेअदबी की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए ऐसे मामलों में कड़ी सज़ा की मांग की। उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों की बेअदबी करने वाले को कड़ी सजा दिलाने के लिए शिरोमणि कमेटी संगत का हरसंभव सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रसिद्ध वकीलों की सेवायें ली जायेंगी।
एडवोकेट धामी ने कहा कि बेअदबी की घटनायें पिछले काफी समय से लगातार हो रही हैं, लेकिन सरकारों की ढिलाई के कारण दोषी सजा से बच निकलते हैं। उन्होंने कहा कि बेअदबी रोकने के लिए जहां सख्त कानून की जरूरत है, वहीं गुरुद्वारों की प्रबंधक कमेटियों को भी प्रबंधों के प्रति सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा साहिब में हर समय एक सेवादार की मौजूदगी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशानुसार गठित 31 सदस्यीय कमेटी से भी अपील की कि वे गुरु की इच्छा के अनुसार सेवा करें। उन्होंने पास के गांव की संगत द्वारा दो गुरुद्वारों को एक में परिवर्तित करने की सराहना की और कहा कि हर गांव में एक गुरुद्वारा होने से न केवल सांप्रदायिक सद्भावना मज़बूत होगी, बल्कि व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी भी संगत के सम्मान में इस कार्य में हर संभव सहयोग देगी।
गौरतलब है कि बेअदबी की घटना के बाद जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशानुसार गुरुद्वारा साहिब से पावन स्वरूपों को हटा लिया गया था। शिरोमणि कमेटी द्वारा भेजी गयी जांच टीम की रिपोर्ट और श्रद्धालुओं की भावनाओं को देखते हुए अब पावन स्वरूपों को गुरुद्वारा साहिब में पुनः सुशोभित किया गया है।
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