वाराणसी , नवंबर 21 -- उत्तर प्रदेश में इन दिनों कोडीन युक्त प्रतिबंधित कफ सिरप का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। गाजियाबाद के एक गोदाम और उसके बाद सोनभद्र में दो ट्रकों से बरामद प्रतिबंधित कफ सिरप के काले कारोबारी के तार वाराणसी से जुड़ने के बाद पुलिस, विशेष अभियान समूह (एसओजी), विशेष जांच दल (एसआईटी), खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीमें, एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) तथा ड्रग विभाग की टीमें जांच और कार्रवाई में जुटी हुई हैं। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि इस प्रकरण में जल्द ही बड़ा खुलासा हो सकता है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि कोतवाली थाने में शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला प्रसाद सहित 26 फर्मों के खिलाफ पहले ही मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। सप्तसागर मंडी में भी टीमें लगातार जांच कर रही हैं। कई स्थानों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। प्रतिबंधित सिरप मामले से जुड़े दस्तावेजों की भी बारीकी से जांच की जा रही है। बुधवार को रोहनिया थाना क्षेत्र के भदवर में एक गोदाम से बरामद दो करोड़ रुपये कीमत के सिरप के मामले में पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है। पिछले एक महीने का पूरा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है कि कितने ट्रक गोदाम में आए और कितने गए।
पुलिस को इस गिरोह का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल अभी तक नहीं मिला है। नशे के कारोबार के लिए कोडीन युक्त प्रतिबंधित सिरप को विभिन्न स्थानों पर खरीदा और बेचा गया। वाराणसी में रांची से कफ सिरप आने की सूचना सामने आई है। साथ ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इस गिरोह का नेटवर्क फैला होने की बात भी जांच में सामने आ रही है। पुलिस को पर्याप्त साक्ष्य मिल चुके हैं और नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है।
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