नयी दिल्ली , अक्टूबर 13 -- विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 के अवसर पर कोट्टायम स्थित राष्ट्रीय होम्योपैथी मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (एनएचआरआईएमएच) में दो दिवसीय राष्ट्रीय होम्योपैथी सम्मेलन का आयोजन किया गया। एनएचआरआईएमएच आयुष मंत्रालय के अधीन केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) की शीर्ष संस्था है।
एनएचआरआईएमएच सभागार में 10 और 11 अक्टूबर को आयोजित सम्मेलन का मुख्य विषय 'सेवाओं तक पहुंच: आपदाओं और आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य' था। जिसमें देश भर से होम्योपैथी और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र के अग्रणी विशेषज्ञ, शोधकर्ता और चिकित्सकों ने भाग लिया। सम्मेलन में मनोरोग संबंधी आपात स्थितियों में होम्योपैथी की बढ़ती प्रासंगिकता और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए नवीन अनुसंधान और एकीकृत दृष्टिकोणों पर चर्चा की गई।
सम्मेलन में सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने मजबूत शोध साक्ष्यों के आधार पर, विशेष रूप से आपदा-पश्चात पुनर्वास और रेजिलिअंस निर्माण में, मनोसामाजिक देखभाल ढाँचों में होम्योपैथी को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर कोट्टायम के जिलाधिकारी चेतन कुमार मीणा ने एकीकृत मानसिक स्वास्थ्य देखभाल को आगे बढ़ाने में एनएचआरआईएमएच के प्रयासों की सराहना की और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की व्यापक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए आपदा प्रतिक्रिया रणनीतियों में होम्योपैथी को शामिल करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
एनएचआरआईएमएच के सहायक निदेशक (स्वास्थ्य) एवं प्रभारी अधिकारी डॉ. देबदत्त नायक सम्मेलन के विषय की वैश्विक प्रासंगिकता और आपदा एवं आपातकालीन परिस्थितियों में सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की तात्कालिक आवश्यकता पर बल दिया।
एनएचआरआईएमएच के प्रधानाचार्य डॉ. आर. सिथार्थन कार्यक्रम की सफलता में बहुमूल्य योगदान के लिए सभी गणमान्य व्यक्तियों, वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजन दल के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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