कोच्चि , दिसंबर 22 -- भारतीय सांस्कृतिक कांग्रेस 2025 के पहल पर यहां महाराजा महाविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में हजारों पुस्तक प्रेमी और संस्कृति प्रेमी जुट रहे हैं। यह पुस्तक मेला 24 दिसंबर तक चलेगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री पी. विजयन ने पुस्तक मेले में कहा कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए मजबूत सांस्कृतिक विरोध का आह्वान किया, जब सांप्रदायिक ताकतें देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं।
श्री विजयन ने तर्कवादियों और पत्रकारों नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे, एम एम कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्याओं का जिक्र करते हुए बढ़ती असहिष्णुता और स्वतंत्र विचारकों पर हमले की घटनाओं पर चिंता जतायी।
उन्होंने केरल की सामाजिक सुधार की विरासत, श्री नारायण गुरु और अय्यनकली की ओर से संचालित पुनर्जागरण आंदोलनों और एक मजबूत पढ़न संस्कृति तैयार करने में पुस्तकालय आंदोलन की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कला और साहित्य सिर्फ अलंकरण नहीं, बल्कि समाज की अंतरात्मा हैं और सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और भारत के विचार की सक्रिय रूप से रक्षा करनी चाहिए।
केरल सरकार के संस्कृति विभाग के मेले में अलग-अलग विषयों की पुस्तकें रियायती दर पर मिल रहे हैं।
राज्य सरकार के तहत प्रमुख सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्थान इस मेले में भाग ले रहे हैं। इनमें केरल भाषा संस्थान, केरल साहित्य अकादमी, राज्य विश्वकोश प्रकाशन संस्थान, केरल राज्य बाल साहित्य संस्थान और केरल लोककथा अकादमी शामिल हैं।
केरल शास्त्र साहित्य परिषद, मातृभूमि बुक्स, त्रिशूर की करंट बुक्स, देशाभिमानी बुक हाउस, नेशनल बुक ट्रस्ट (केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तहत), द हिंदू ग्रुप पब्लिकेशंस, समता बुक्स, लोगोज बुक्स, ऑलिव बुक्स, कोझिकोड की लिपि पब्लिकेशंस और नेशनल बुक स्टॉल जैसे प्रमुख प्रकाशकों और संगठनों ने स्टॉल लगाये हैं।
सांस्कृतिक मामलों के मंत्री साजी चेरियन ने कहा कि कल्चरल कांग्रेस का मकसद देश में सांप्रदायिकता और असहिष्णुता की बढ़ती ताकतों का मुकाबला करने के लिए जरूरी सामूहिक ऊर्जा और संकल्प पैदा करना है। इस पहल को निर्णायक कदम बताते हुए कांग्रेस की शानदार सफलता की कामना की।
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