नैनीताल , अक्टूबर 15 -- उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी जोन के खुलने के साथ ही बुधवार से पर्यटन सीजन का औपचारिक आगाज हो गया है. मानसून सत्र के बाद सुबह छह बजे बिजरानी पर्यटन जोन को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया और देश-विदेश से आए सैलानियों की भीड़ जंगल सफारी के लिए पहुंचने लगी, जिससे पूरे क्षेत्र में एक बार फिर पर्यटन की रौनक लौट आई है।
इस अवसर पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक राहुल मिश्रा, एसडीओ अमित ग्वासाकोटी, रेंज अधिकारी नवीन पांडे, वनकर्मी और क्षेत्रीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट मौजूद रहे। सभी ने रिबन काटकर और पर्यटकों से भरी जिप्सियों को हरी झंडी दिखाकर जंगल सफारी के लिए रवाना किया। बिजरानी जोन हर साल मानसून से पहले यानी 30 जून को पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर बंद कर दिया जाता है, इस अवधि में क्षेत्र में नदियों का जलस्तर बढ़ जाने और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका बनीर रहती है, वहीं हर वर्ष 15 अक्टूबर से जब मौसम साफ हो जाता है, तो कॉर्बेट और उसके आसपास के पर्यटन क्षेत्रों में नया सीजन शुरू कर दिया जाता है। इस बार भी 15 अक्टूबर से कॉर्बेट पार्क के कई जोन एक बार फिर सैलानियों के स्वागत के लिए तैयार हैं। बिजरानी पार्क को सबसे लोकप्रिय पर्यटन जोनों में गिना जाता है, यहां सुबह और शाम दो पाली में सफारी संचालित होती है सुबह 30 जिप्सियां और शाम 30 जिप्सियां जंगल सफारी पर निकलती हैं।
जानकारी के अनुसार, पहले ही दिन दोनों पाली के सभी स्लॉट पूरी तरह बुक रहे. कॉर्बेट का बिजरानी जोन अपने घने साल के जंगलों, हरियाली, खुले घास के मैदानों और वन्यजीवों की विविधता के लिए प्रसिद्ध है, यहां अक्सर बाघ, हाथी, हिरण, मोर, तोता और अनेक पक्षी प्रजातियां देखी जा सकती हैं। यही कारण है कि हर साल हजारों देशी-विदेशी पर्यटक इस जोन में सफारी का लुत्फ उठाने आते हैं।
वन अधिकारियों ने कहा कि पहले दिन जंगल सफारी पर निकले सैलानियों में खासा उत्साह देखा गया, दिल्ली, देहरादून, जयपुर, लखनऊ और गुजरात आदि जैसे शहरों से पहुंचे पर्यटकों ने बताया कि मानसून के बाद जंगल की हरियाली और साफ मौसम में सफारी का अनुभव बेहद रोमांचक है। पर्यटकों ने कहा हम बहुत खुश हैं कि हमें बिजरानी जोन के खुलते ही सफारी का मौका मिला, यहां की जैव विविधता, हरियाली और वन्यजीवों को देखना एक यादगार अनुभव है,हमें उम्मीद है कि बाघ के दर्शन भी होंगे।
वहीं कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक मिश्रा ने बताया कि पार्क प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहाँ पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है ,सफारी मार्गों की मरम्मत, जिप्सियों की फिटनेस जांच और नेचर गाइड्स को प्रशिक्षण दिया गया है,सभी जिप्सी चालकों और गाइड्स को नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि पर्यटकों को सुरक्षित और आनंददायक अनुभव मिल सके. उन्होंने बताया कि कॉर्बेट पार्क के सबसे प्रसिद्ध जोन ढिकाला को 15 नवंबर से खोला जाएगा, उसी दिन से पार्क के अलग-अलग जोनों में नाइट स्टे की सुविधा भी शुरू हो जाएगी, जिसका सैलानियों को पूरे साल इंतजार रहता है।
वर्तमान में पर्यटक ढेला, झिरना, गर्जिया और अब बिजरानी पर्यटन जोन में जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं। स्थानीय कारोबारियों के लिए भी पर्यटन सीजन का आगाज राहत की खबर लेकर आया है, होटल, रिजॉर्ट, ट्रैवल एजेंसियां और जिप्सी संचालक सभी को इस सीजन में बेहतर कारोबार की उम्मीद है। मानसून के कारण बंद पड़े सफारी मार्गों के खुलने से अब क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है।
स्थानीय गाइड्स और जिप्सी चालकों का कहना है कि बिजरानी जोन के खुलते ही बुकिंग तेज हो गई हैं, आने वाले दिनों में दीपावली सीजन और सर्दियों के दौरान यहां बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचने का अनुमान है। कॉर्बेट पार्क देश का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है, जिसकी स्थापना 1936 में हैली नेशनल पार्क के रूप में की गई थी, बाद में इसे प्रसिद्ध शिकारी और संरक्षणवादी जिम कॉर्बेट के नाम पर कॉर्बेट नेशनल पार्क कहा जाने लगा। आज यह न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में बाघ संरक्षण का प्रतीक बन चुका है.। बिजरानी जोन के खुलने के साथ ही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पर्यटकों का रोमांच लौट आया है,अब उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जैसे-जैसे मौसम खुशनुमा होगा, वैसे-वैसे जंगलों में पर्यटकों की चहल-पहल और बढ़ेगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई रफ्तार मिलेगी।
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