राजनांदगांव , अक्टूबर 30 -- छत्तीसगढ़ में निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदारों के लिए राहतभरी खबर है। लंबे समय से लंबित मांगों और विभागीय जटिलताओं से जूझ रहे छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन के प्रयासों को अब सफलता मिलती दिखाई दे रही है।

राज्य सरकार ने एसोसिएशन की प्रमुख मांगों को गंभीरता से लेते हुए जीएसटी और खनिज रॉयल्टी की विसंगतियों को दूर करने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी निर्माण विभागों में एक समान प्रक्रिया लागू करने के संबंध में अपनी रिपोर्ट तीन नवंबर तक राज्य शासन को सौंपेगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर वित्त विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। बताया गया कि अब तक विभिन्न विभागों में जीएसटी और रॉयल्टी के अलग-अलग नियम लागू होने से ठेकेदार वर्ग को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने बताया कि संगठन ने हाल ही में पीडब्ल्यूडी विभाग में 18 प्रतिशत जीएसटी सहित बिल भुगतान, खनिज रॉयल्टी में विसंगतियों और अन्य ज्वलंत मुद्दों को लेकर ज्ञापन सौंपा था।

इस दौरान एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री (पीडब्ल्यूडी) अरुण साव से भेंट कर समस्याओं के शीघ्र निराकरण की मांग रखी थी, जिस पर उपमुख्यमंत्री ने ठोस कार्रवाई का भरोसा दिलाया था।

श्री शुक्ला ने कहा,"ठेकेदार प्रदेश के विकास और निर्माण कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकार की इस पहल से न केवल ठेकेदारों को राहत मिलेगी, बल्कि प्रदेश के विकास कार्यों की गति भी तेज होगी।"एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री साय और उपमुख्यमंत्री साव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई है कि कमेटी के अधिकारी बिना किसी देरी के तय समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष संजय सिंघी, जिला सचिव आलोक बिंदल और अमन कोटडिया सहित अनेक पदाधिकारी भी मौजूद थे।

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