वाराणसी , दिसंबर 16 -- कैलाश मानसरोवर की मुक्ति और तिब्बत की स्वतंत्रता को लेकर मंगलवार को संत कबीर प्राकट्य स्थली लहरतारा में शिवधाम कैलाश मानसरोवर तिब्बत फ्रीडम एसोसिएशन (काशी प्रांत) के तत्वावधान में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में तिब्बत सरकार की रक्षा मंत्री डोल्मा गायरी के साथ कई गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
डोल्मा गायरी ने कहा कि शिव, महादेव, शंकर, भोलेनाथ सभी एक हैं। शिव के रूप अनेक हैं, और हम सभी उनसे जुड़े हैं। बौद्ध भी शिव को उतना ही मानते हैं। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है। चीन लद्दाख से अरुणाचल तक जमीन हड़प रहा है। वह किसकी जमीन है। यह भारत की ही तो है। चीन के मन में क्या है, यह बात नहीं है, बल्कि चीन आखिर कर क्या रहा है। चीन लैंड माफिया की तरह जमीन कब्जा करता है। वह आता है, धमकाता है और फिर थोड़ी-थोड़ी करके जमीन हड़प लेता है। 1962 में भारत की संसद में क्या प्रस्ताव पारित किया गया था कि एक-एक इंच जमीन हम चीन से वापस लेंगे। क्या आज तक कुछ हुआ।
रक्षा मंत्री ने कहा कि तिब्बत के मानवाधिकार और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई अभी जारी है। अपनी संस्कृति को बचाने के लिए लड़ाई चल रही है। सबसे बड़ा आंदोलन तिब्बत के अंदर से ही चल रहा है। परम पूज्य दलाई लामा 1959 में जब भारत आए, तब तिब्बत की आबादी करीब 60 लाख थी। उसमें से एक लाख से भी कम लोग यानी लगभग 60 हजार तिब्बती निर्वासित होकर भारत पहुंचे। तिब्बत के बहुत से लोग चीन के कब्जे वाले भाग में हैं, तिब्बत के अंदर ही आंदोलन चल रहा है। 2009 से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन लगातार चल रहे हैं।
भारत में तिब्बत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन चीन को लेकर चल रहा है। काशी में आज का कार्यक्रम उसका एक नया अध्याय है। बहुत वर्षों बाद दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आई है। भारतीय जनता पार्टी का चीन, तिब्बत या विश्व को लेकर जो दृष्टिकोण है, वह पहले से ही ज्ञात है। हिंदुस्तान एकमात्र देश है, जो तिब्बत के साथ खड़ा रहा है।
तिब्बत के लोग भारत सरकार और भारतीयों के बहुत आभारी हैं। मोदी जी के आने के बाद से आशा जगी है। ऐसा समय आ रहा है कि भारत विश्व गुरु बनने की ओर फिर से अग्रसर है। इतिहास जानता है कि चीन विश्वास के लायक नहीं है। मोदी सरकार में यही उम्मीद है कि चीन दोबारा गलती नहीं करेगा।
शिवधाम कैलाश मानसरोवर तिब्बत फ्रीडम एसोसिएशन (काशी प्रांत) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने बताया कि कैलाश मानसरोवर की मुक्ति को लेकर अभियान चलाया जा रहा है।
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