नयी दिल्ली , नवंबर 02 -- कैरेबियाई सागर में एक और जहाज़ पर अमेरिका के हवाई हमले में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी है।

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने शनिवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि यह हमला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर किया गया और इसका निशाना एक ऐसा जहाज़ था जो अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल था।

श्री हेगसेथ ने बताया कि हमले में तीन व्यक्ति मारे गए। यह हमला अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुआ और किसी अमेरिकी सैनिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग इन लोगों को उसी तरह से निशाना बनाएगा जैसे उसने अल-कायदा के आतंकवादियों को बनाया था। उन्होंने इन मारे लोगों को 'नार्को आतंकी' की संज्ञा दी।

यह हमला पिछले सप्ताह किए गए तीन हमलों की श्रृंखला का हिस्सा है। सितंबर से शुरू हुये इस अमेरिकी "ऑपरेशन" में अब तक वेनेज़ुएला और कोलंबिया के नागरिक सहित 62 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इस दौरान 14 जहाज़ और एक पनडुब्बी नष्ट हुयी है।

अमेरिका का दावा है कि ये सभी अभियान ड्रग्स तस्करी रोकने के लिए हैं। आलोचकों का कहना है कि ये हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा कि यह "अस्वीकार्य " है।

उधर, अमेरिका ने कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेत्रो पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने देश में ड्रग कार्टेल्स को "फलने-फूलने दिया।" इसके साथ ही अमेरिका ने कैरेबियाई क्षेत्र में सैनिकों, विमानों और युद्धपोतों की तैनाती भी बढ़ा दी है। हाल ही में उसने दुनिया के सबसे बड़े युद्धपोत "यूएसएस जेराल्ड आर. फोर्ड" को इस क्षेत्र में भेजा है।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने वेनेज़ुएला के प्रमुख निकोलस मादुरो पर भी आरोप लगाया है कि वे एक बड़े ड्रग-तस्करी संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं। उधर मादुरो ने इन आरोपों से इनकार किया है।

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