रायपुर , दिसंबर 18 -- प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की ताज़ा रिपोर्ट सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में तीखी बयानबाज़ी शुरू हो गई है। रिपोर्ट में अपात्र व्यक्तियों को भी योजना का लाभ मिलने के संकेत मिलने पर कांग्रेस ने इसे सरकार की नीयत और कार्यप्रणाली पर सवाल बताते हुए हमला बोला है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मामले में जांच और नियमों के तहत कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर बड़े दावे किए गए लेकिन ज़मीनी स्तर पर पात्र हितग्राहियों को लाभ नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि आवास स्वीकृति के आंकड़ों और वास्तविक स्थिति में भारी अंतर है, जिससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं।
वहीं उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना एक व्यापक अभियान है, जिसमें यदि कहीं अपात्र व्यक्ति को लाभ मिला है तो उसकी जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि योजना के माध्यम से लाखों जरूरतमंद परिवारों का घर का सपना पूरा हुआ है और सरकार किसी भी तरह की गड़बड़ी पर सख्त रुख अपनाएगी।
इधर, धर्मांतरण से जुड़े मामलों को लेकर भी सियासी टकराव तेज हो गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ के लिए उछाल रही है और कानून लाने के दावों के बावजूद सरकार ठोस कदम उठाने में विफल रही है। वहीं भाजपा इसे सामाजिक संतुलन और कानून-व्यवस्था से जुड़ा विषय बता रही है।
इसके साथ ही भाजपा संगठन में हालिया नियुक्तियों को लेकर भी कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि एक अनुसूचित जाति महिला की नियुक्ति को अल्प समय में रद्द किया जाना सामाजिक सम्मान के खिलाफ है। इस पर भाजपा की ओर से आंतरिक संगठनात्मक प्रक्रिया का हवाला दिया जा रहा है।
कुल मिलाकर कैग रिपोर्ट के बहाने प्रधानमंत्री आवास, धर्मांतरण और सामाजिक प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दों पर छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी संग्राम और तेज़ होता दिख रहा है, जिसके असर आने वाले दिनों में विधानसभा से लेकर सड़क तक देखने को मिल सकता है।
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