तिरुवनंतपुरम , अक्टूबर 22 -- केरल केराकार्षका सहकारिता फेडरेशन लिमिटेड (केराफेड) के प्रबंध निदेशक साजू के. सुरेंद्रन ने संस्थान की करुनागप्पल्ली नारियल तेल विनिर्माण इकाई के चार कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है।
केराफेड नारियल तेल के एक लीटर के पाउच पर पुराने बैच नंबर और पुरानी कीमतें लगाने से संस्थान को 20 लाख रुपये से अधिक का वित्तीय नुकसान होने का अनुमान है। इसीलिए संस्थान यह कार्रवाई कर रही है।
संस्थान ने इस लापरवाही के लिए एस. गोपाकुमार, के. जयप्रकाश, एस. प्रमोद और वी. निसारकुट्टी नामक कर्मचारियों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है। ये चारों कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी हैं और पंद्रह साल से भी ज़्यादा समय से एक ही अनुभाग में काम कर रहे हैं। जांच में पता चला कि वे बहुत ज्यादा ओवरटाइम भत्ता ले रहे थे तथा पहले भी कई चूक करने के बावजूद यूनियन के प्रभाव में काम कर रहे थे।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, यह गलती 29 सितंबर को हुई जब मशीन का परीक्षण किया जा रहा था और परीक्षण के लिए मुद्रित फिल्म रोल का उपयोग अनजाने में नियमित उत्पादन के लिए कर दिया गया। इससे तेल की थैलियों पर पुरानी जानकारी छप गई जिससे बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ।
एमडी ने पहले ही इस घटना के लिए ज़िम्मेदार लोगों की पहचान करने एवं उन्हें जवाबदेह ठहराने के सख्त निर्देश जारी किया था। जांच के बाद उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।
संस्थान के सभी विभागों को भेजे संदेश में श्री सुरेन्द्रन ने ऐसी त्रुटियों को रोकने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी, बेहतर समन्वय एवं गुणवत्ता मानकों के सख्त पालन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कर्मचारियों से केरल की सबसे प्रमुख सहकारी संस्थाओं में से एक केराफेड की विश्वसनीयता एवं प्रतिष्ठा को बरकरार रखने के लिए ज्यादा परिश्रम एवं पारदर्शिता के साथ काम करने का आग्रह किया।
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