तिरुवनंतपुरम , अक्टूबर 06 -- केरल विधानसभा में सोमवार को सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में चढ़ाए गए सोने की चद्दरों के गायब होने के मुद्दे पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया जिसकी वजह से विधानसभाध्यक्ष ए एन शमसीर को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ सदस्यों ने इस मुद्दे पर नारों और बैनरों के साथ हंगामा शुरू कर दिया और इस विरोध प्रदर्शन के कारण प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा। विपक्षी विधायक "अयप्पा का सोना लूटा गया" लिखे बैनर लेकर विधानसभा भवन में प्रवेश कर गये। उन्होंने देवस्वओम मंत्री और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग की।
विपक्षी नेता वी डी सतीशन ने सत्र शुरू होते ही यह मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर गायब हुए सोने के पीछे की सच्चाई को छिपा रही है। उन्होंने कहा, "लाखों भक्तों की आस्था के साथ विश्वासघात किया गया है। सरकार को तथ्यों का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच का आदेश देना चाहिए।"विधानसभाध्यक्ष ने इस मामले पर तत्काल चर्चा की अनुमति देने से इंकार कर दिया और कहा कि यह मुद्दा पहले से ही केरल उच्च न्यायालय के विचाराधीन है। उनके इस जवाब पर विपक्षी सदस्य भड़क गए और आसन के पास पहुँच गये। उन्होंने "स्वामी शरणम् अयप्पा" के नारे लगाए। उन्होंने अध्यक्ष के आसन को एक बैनर से ढक दिया। इसे देखते हुए अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
विधानसभाध्यक्ष ने सदस्यों से अपने बैनर नीचे करने का आग्रह किया और चेतावनी दी कि कार्यवाही में बाधा डालना लोकतांत्रिक संस्थाओं का अनादर है। वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए इसे "विधायी मर्यादा का उल्लंघन" बताया और कहा कि ऐसा आचरण देश की किसी भी अन्य विधानसभा में नहीं हुआ है।
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