तिरुवनंतपुरम , अक्टूबर 02 -- केरल में गुरुवार को हजारों बच्चों को पारंपरिक विद्यारम्भ अनुष्ठान के तहत अक्षर ज्ञान की दीक्षा दी गयी ।
वर्षों पुरानी परंपरा को राज्य के मंदिरों, सांस्कृतिक केंद्रों और संस्थानों में बड़े पैमाने पर लोगों की भागीदारी के साथ मनाया गया। यह परंपरा औपचारिक शिक्षा की शुरुआत का प्रतीक है।
कोट्टायम के पनाचिक्कड मंदिर, तिरुर के थुंजन परम्बु (कवि थुंचथ एज़ुथाचन का जन्मस्थान), तिरुवनंतपुरम के थुंचन स्मारक समिति और पड़ोसी कर्नाटक के कोल्लूर मूकाम्बिका मंदिर में यह अनुष्ठान हुआ।
राजधानी के पूजापुरा स्थित नवरात्रि मंडपम, पझावंगडी गणपति मंदिर, श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर और कई अन्य प्रमुख मंदिरों में दीक्षा के लिये बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ देखी गयी।
इस अनुष्ठान के एक भाग के रूप में पारंपरिक रूप से बच्चे की जीभ पर एक सुनहरी अंगूठी से "हरि श्री गणपतये नमः अविघ्नमस्तु" मंत्र लिखवाया जाता है। फिर बालक या बालिका उसे अपनी अनामिका उंगली से एक धातु के बर्तन में रखे कच्चे चावलों पर मंत्र लिखते हुए उसे दोहराता है।
मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन, विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला सहित कई प्रमुख हस्तियों ने इस समारोह में भाग लिया और सैकड़ों बच्चों को दीक्षा दी। प्रमुख मीडिया संस्थानों ने भी विद्यारम्भम कार्यक्रम आयोजित किये।
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