कासरगोड , अक्टूबर 06 -- केरल में कासरगोड के कुंबला स्थित सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (जीएचएसएस) के छात्रों के एक समूह का फ़िलिस्तीन समर्थक मूक अभिनय का सोमवार को शिक्षा मंत्री वी. सिवन कुट्टी की अनुमति के बाद उसी मंच पर दोबारा प्रस्तुत किया गया।

इस प्रस्तुति को स्कूल कला महोत्सव में मौन प्रदर्शन में पहला स्थान मिला है।

इससे पहले तीन अक्टूबर को दो शिक्षकों द्वारा विषय-वस्तु की विवादास्पद प्रकृति का हवाला देते हुए हस्तक्षेप करने के बाद इस प्रदर्शन को बीच में ही रोक दिया गया था।

कथित फ़िलिस्तीन समर्थक एकजुटता वाले मूक अभिनय का आज पुलिस सुरक्षा के बीच स्कूल में खचाखच भरे दर्शकों के सामने पुनः मंचन किया गया। कासरगोड के कुम्बला में आयोजित स्कूल कला महोत्सव में इसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।

मूक अभिनय पहले 10 मिनट का था उसे घटाकर पांच मिनट का कर दिया गया और स्कूल के कलोलसवम मैनुअल के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए छह छात्रों द्वारा इसे पुनः प्रस्तुत किया गया।

बच्चे कार्यक्रम में केफ़ियेह (अरबी स्कार्फ़) पहनकर आए थे, हालांकि उन्होंने नारे, तख्तियां या फ़िलिस्तीन के झंडे नहीं लिए थे। लेकिन दर्शकों ने फ़िलिस्तीन को आज़ाद करो के नारे लगाए।

कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच दोनों शिक्षकों को स्कूल परिसर से बाहर रखने के बाद आज मूक अभिनय का प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम के बाद, भारतीय जनता पार्टी/युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने स्कूल तक विरोध मार्च निकाला लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। भाजपा नेताओं ने छात्रों के साथ राजनीतिक दुर्व्यवहार किये जाने का आरोप लगाते हुए अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।

एक भाजपा नेता ने कहा कि पुलिस ने पहले भी दोहरा मापदंड दिखाया था जब उसने ऑपरेशन सिंदूर के आधार पर ओणम का फूल कालीन बिछाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन्होंने कहा कि स्कूल परिसर से किसी विदेशी संस्था के समर्थन में नारे लगाना गैरकानूनी है।

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