कोची , दिसंबर 22 -- केरल के एर्नाकुलम का सरकारी अस्पताल देश में हृदय प्रत्यारोपण करने वाला पहला सरकारी अस्पताल बनने जा रहा है। यह सार्वजनिक क्षेत्र में उन्नत चिकित्सा देखभाल की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है।

भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। अब तक हृदय प्रत्यारोपण निजी अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ही होते रहे हैं।

हृदय कोल्लम के 47 वर्षीय व्यक्ति का है जिसे सड़क दुर्घटना के बाद ब्रेन-डेड घोषित कर दिया गया था। उसका हृदय तिरुवनंतपुरम के सरकारी मेडिकल कॉलेज में शरीर से निकाला गया और सख्त समय प्रोटोकॉल के तहत एयर एम्बुलेंस से कोची पहुंचाया गया। प्रत्यारोपण सर्जरी एर्नाकुलम सरकारी अस्पताल में दोपहर के आसपास शुरू होने वाला है।

यह हृदय नेपाल की 23 वर्षीय महिला को लगाया जायेगा जो एक दुर्लभ जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित है और उसे तत्काल प्रत्यारोपण की जरूरत है।

पहले अंग आवंटन में कानूनी और प्रक्रियात्मक बाधाओं के कारण उसे समस्या का सामना करना पड़ा था, लेकिन बाद में आवश्यक मंजूरियां मिल जाने से यह जीवनरक्षक प्रक्रिया संभव हो सकी।

हृदय के अलावा दाता के कई अन्य अंगों का भी उपयोग किया जा रहा है। गुर्दे और यकृत कोची के एक अन्य अस्पताल में मरीजों में प्रत्यारोपित किए जाने हैं, जबकि कॉर्निया और हृदय वाल्व भविष्य में उपयोग के लिए संरक्षित कर लिए गए हैं, जो बहु-अंग दान के महत्व को रेखांकित करता है।

हालांकि पहले हृदय प्रत्यारोपण निजी अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में किए गए हैं, लेकिन भारत में पहली बार इस जटिल प्रक्रिया को एक सरकारी अस्पताल में किया जा रहा है।

एर्नाकुलम के सरकारी अस्पताल को पिछले साल हृदय प्रत्यारोपण करने की आधिकारिक मंजूरी मिली थी और इस प्रक्रिया के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही थीं।

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