तिरुवनंतपुरम , नवंबर 25 -- केरल कृषि विश्वविद्यालय (केएयू) का वेल्लयनी स्थित कृषि महाविद्यालय (सीओए) 27 और 28 नवंबर को जलवायु-खरपतवार संबंधों पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की मेजबानी करेगा।

केएयू के कुलपति बी. अशोक 27 नवंबर को सुबह 9:45 बजे इंडोर स्टेडियम में इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। संगोष्ठी को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), केरल राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (केएससीएसटीई), और केरल सरकार की विश्व बैंक-सहायता प्राप्त केरल जलवायु लचीला कृषि-मूल्य श्रृंखला आधुनिकीकरण (केईआरए) परियोजना का समर्थन प्राप्त है।

भारत में होने वाले फसलों के नुकसान में लगभग 34 प्रतिशत खरपतवारों की हिस्सेदारी होती है, जो कीटों या बीमारियों से होने वाले नुकसान से अधिक है। तापमान बढ़ने और बारिश के प्रतिरूप में बदलाव से खरपतवारों का दबाव और बढ़ने की आशंका है, इसलिए संगोष्ठी का उद्देश्य सतत खरपतवार प्रबंधन के लिए जलवायु के अनुसार बेहतर और पर्यावरण-अनुकूल रणनीतियों पर प्रकाश डालना है।

सीडब्ल्यूआईएस-2025 चार मुख्य विषयों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी, जलवायु के अनुकूल बेहतर खेती के लिए तकनीकी नवाचार, खरपतवार की गतिशीलता पर जलवायु प्रभाव, लचीली उत्पादन प्रणालियाँ और जलवायु अनुकूलन और शमन के लिए कुशल संसाधन उपयोग।

क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के 'वीड इकोलॉजी एंड क्रॉपिंग सिस्टम्स' के प्रोफेसर बी. एस. चौहान मुख्य भाषण देंगे और नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक नागेश कुमार अनुमाला विशेष संबोधन देंगे। इस संगोष्ठी में के. प्रथापन, टी. के. दास, सूजा जी., सी. आर. चिन्नामुथु, केएयू के वरिष्ठ वैज्ञानिक और विश्वविद्यालय के अधिकारी शामिल होंगे। केएयू कार्यकारी समिति, सामान्य परिषद और शैक्षणिक परिषद के सदस्य भी इसमें भाग लेंगे।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित