तिरुवनंतपुरम , नवंबर 01 -- केरल की महिला-अनुकूल पर्यटन पहल को पड़ोसी देश श्रीलंका में व्यापक समर्थन मिला है।

श्रीलंका पर्यटन ब्यूरो के एक पूर्व प्रबंध निदेशक चारमेरी मेलगे ने इसे "लिंग-समावेशी और सतत पर्यटन के लिए एक मानक मॉडल" बताया है।

श्रीलंका के प्रमुख व्यावसायिक समाचार पत्र दैनिक एफटी में अपने अतिथि स्तंभ में सुश्री मेलगे ने कहा, "केरल अपनी पर्यटन विकास रणनीति के केंद्र में महिलाओं को रखकर एक समावेशी मॉडल स्थापित कर रहा है।"श्रीलंकाई दैनिक में प्रकाशित लेख में कहा गया है कि केरल की सफल पर्यटन पहलों, जैसे कि मारवंतुरुथु स्ट्रीट परियोजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे, स्थायी पर्यटन केंद्र विकसित करने में मदद की है जो स्थानीय संस्कृति, विरासत, व्यंजनों और रोजमर्रा की जिंदगी पर आधारित हैं, जिन्हें पर्यटक "असली केरल" का अनुभव कह सकते हैं।

सुश्री मेलगे ने केरल रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन सोसाइटी के सीईओ रूपेशकुमार के. के हवाले से कहा कि राज्य ने कई पर्यटन स्थलों में लैंगिक और सुरक्षा ऑडिट भी पूरा कर लिया है, जिसमें मेजबान महिलाओं और महिला यात्रियों के लिए यात्रा को सुरक्षित बनाने हेतु आवश्यक बुनियादी ढाँचे और व्यवहार संबंधी सुधारों की पहचान की गई है।

श्रीलंका में समावेशी और सतत पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सुश्री मेलगे ने कहा कि केरल की लिंग-समावेशी पर्यटन नीति ने भारत के लिए भी एक राष्ट्रीय मॉडल स्थापित किया है और इसका अन्यत्र भी लाभ उठाया जा सकता है।

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