तिरुवनंतपुरम , अक्टूबर 26 -- केरल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अभिलाष डेविड गंभीर आरोपों के घेरे में हैं, जिनमें राष्ट्रीय पावर ग्रिड हमले से जुड़ी साइबर आतंकवाद जांच में कथित रूप से बाधा डालने से लेकर एक मौजूदा सांसद पर हमला करने के आरोप शामिल हैं।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह मामला दुराचार, विवादास्पद पुनर्बहाली और कथित राजनीतिक संरक्षण के सवाल उठाता है। विवाद की शुरुआत एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ की विस्तृत शिकायत और कांग्रेस सांसद शफी परंबिल के सार्वजनिक आरोपों के बाद हुई। कथित तौर पर यह घोटाला 2019 का है, जब एक एससीएडीए साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ ने दावा किया कि भारत की बिजली ग्रिड में कमजोरियों को उजागर करने वाली उनकी रिसर्च चोरी हो गई।
तिरुवनंतपुरम में आईटी एक्ट की धारा 66 एफ (साइबर-आतंकवाद) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। शिकायत में आरोप है कि तत्कालीन स्टेशन हाउस ऑफिसर श्री डेविड ने मामले को तोड़ने के लिए सुनियोजित अभियान चलाया।
श्री डेविड के खिलाफ ये आरोप पहले नहीं हैं। जनवरी 2023 में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, मीडिया रिपोर्टों में पॉक्सो मामले की जांच में खामियों और आपराधिक गिरोहों से संदिग्ध संबंधों का हवाला दिया गया था।
हालांकि, बाद में एक पूर्व पुलिस महानिदेशक ने उनकी बर्खास्तगी रद्द कर दी, जिससे आलोचना हुई और "विशेष हस्तक्षेप" के आरोप लगे।
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