पथानामथिट्टा (केरल) , नवंबर 10 -- केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (केयूडब्ल्यूजे) ने राज्य सरकार से प्रदेश में मीडिया क्षेत्र को प्रभावित करने वाले गंभीर मुद्दों की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग नियुक्त करने का आग्रह किया है।
इसके साथ ही केयूडब्ल्यूजे ने पत्रकारों के लिए मासिक पेंशन मौजूदा 11,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये करने की भी मांग की है। केयूडब्ल्यूजे नेताओं ने कल यहां आयोजित 61वें वार्षिक सम्मेलन में कहा कि अनिश्चित रोजगार स्थितियों वाले इस क्षेत्र में, पेंशन योजना सेवानिवृत्त पत्रकारों के लिए एकमात्र विश्वसनीय सहायता प्रणाली है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में सामाजिक कल्याण पेंशन में संशोधन के साथ पत्रकारों की पेंशन में वृद्धि आवश्यक है। पेंशन फंड को मजबूत करने के लिए केयूडब्ल्यूजे ने एक उपकर शुरू करने या इस उद्देश्य के लिए पीआरडी विज्ञापन निधि का 15 प्रतिशत आवंटित करने का सुझाव दिया। संघ ने पेंशन योजना का विस्तार करके इसमें संविदा कर्मचारियों, वीडियो संपादकों और पत्रिका पत्रकारों को भी शामिल करने की मांग की। सम्मेलन में केंद्र सरकार से श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम को बहाल करने का भी आह्वान किया गया, जिसे नए श्रम संहिताओं के तहत चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा रहा है। केयूडब्ल्यूजे के प्रदेश अध्यक्ष के.पी. राजी ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। महासचिव सुरेश एडप्पल ने रिपोर्ट प्रस्तुत की और कोषाध्यक्ष मधुसूदनन कार्था ने लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उपाध्यक्ष के. विजेश और पी.एम. कृपा, सचिव बिनिथा देवासी, फिलिपोज़ मैथ्यू और बी. अभिजीत ने विचार-विमर्श का नेतृत्व किया।
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