नयी दिल्ली , दिसम्बर 16 -- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति ने मंगलवार को यहां 20 राज्यों के लिए पंचायती राज संस्थानों में समुदाय आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण पहल को मजबूत करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय परियोजना के लिए 507.37 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। मंत्रालय ने बताया कि यह पहल पंचायती राज मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सहयोग के आधार पर की गई है।

सरकार ने समाज को किसी भी आपदा से निपटने के लिए कवच प्रदान करने के उद्देश्य से 2021 में राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष की शुरुआत की और अब इस पहल को पंचायत स्तर तक बढ़ा दिया गया है। सरकार किसी भी आपदा का आत्मविश्वास के साथ सामना करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सशक्त बनाने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।

मंत्रालय का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के लिए नीचे से ऊपर के दृष्टिकोण के माध्यम से आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) प्रथाओं को शासन संरचना में एकीकृत करना है। गृह मंत्रालय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है। यह कार्यक्रम 20 राज्यों के 81 आपदा-संभावित जिलों को कवर करेगा और इसके अतिरिक्त प्रमुख खतरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए 20 ग्राम पंचायतों को स्थानीय डीआरआर के लिए अनुकरणीय मॉडल के रूप में विकसित करेगा।

मंजूर किये गये 507.37 करोड़ रुपये के कुल अनुमोदित परियोजना व्यय में से 273.38 करोड़ रुपये एनडीएमएफ के तहत केंद्रीय हिस्सेदारी होगी, जिसमें राज्यों का योगदान 30.37 करोड़ रुपये होगा। इसके अतिरिक्त, 151.47 करोड़ रुपये पंचायती राज मंत्रालय से मिलेंगे, जिसमें राज्य का हिस्सा 52.15 करोड़ रुपये होगा।

यह अतिरिक्त सहायता केंद्र द्वारा राज्यों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) में जारी की गई धनराशि के अलावा है, जो पहले से ही राज्यों के पास है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान, केंद्र ने एसडीआरएफ के तहत 28 राज्यों को 16,118.00 करोड़ रुपये और एनडीआरएफ के तहत 18 राज्यों को 2854.18 करोड़ रुपये जारी किये हैं।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित