लखनऊ , दिसंबर 20 -- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को कहा कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) ने न सिर्फ देश में बल्कि पूरी दुनिया में मानवता की सेवा की है। यहां से मेडिकल की पढ़ाई कर निकले छात्र आज दुनिया के कई देशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
केजीएमयू के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि केजीएमयू का गौरवमय इतिहास रहा है और ऐसे संस्थान से जुड़ना अपने आप में सौभाग्य की बात है। लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में केजीएमयू ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का स्वर्णिम अवसर होता है, क्योंकि इसके बाद उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी आ जाती है। डॉक्टर की भूमिका केवल इलाज तक सीमित नहीं होती, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाना भी उनका दायित्व है। मरीज जब डॉक्टर के पास आता है तो वह जीवन की रक्षा और सुरक्षा की उम्मीद लेकर आता है। मरीज को स्वस्थ करना आसान कार्य नहीं होता, इसके लिए संवेदनशीलता और समर्पण आवश्यक है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 20वीं सदी तक देश में केवल एक ही एम्स था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश में 23 एम्स स्थापित हो चुके हैं। पहले मेडिकल छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाया करते थे, लेकिन अब भारत में ही विश्वस्तरीय संस्थान, इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं उपलब्ध हैं।
जेपी नड्डा ने कहा कि मेडिकल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर परिवर्तन हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से 62 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिला है। साथ ही 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा रहा है। यह योजनाएं देश में सुलभ और समावेशी स्वास्थ्य व्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम हैं।
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