बेंगलुरु , नवंबर 20 -- कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) के चुनाव कानूनी पचड़े में पड़ गए हैं, एसोसिएशन ने 30 नवंबर को होने वाले चुनावों को टालने के फैसले को चुनौती देने के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यह कदम एसोसिएशन के नियमों और पदाधिकारियों के लिए योग्यता के नियमों की व्याख्या को लेकर विवादों के बीच उठाया गया है, जिससे चुनावी प्रक्रिया के संचालन और कानूनी मान्यता पर सवाल उठ रहे हैं।

मंगलवार को दायर एक रिट याचिका (नंबर 34890/2025) में, केएससीए ने चुनाव अधिकारी द्वारा जारी 17 नवंबर के उस पत्र को रद्द करने की मांग की है, जिसने चुनाव टाल दिए थे, और कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह उन्हें पहले से घोषित चुनाव कैलेंडर के अनुसार आगे बढ़ने का निर्देश दे। जस्टिस सूरज गोविंदराज के सामने लिस्टेड इस मामले की सुनवाई बुधवार को होनी थी, और हाई कोर्ट आज बाद में दलीलें सुनने वाला है।

पिटीशन में कहा गया है कि चुनाव को टालना गलत था और इलेक्टोरल ऑफिसर को एसोसिएशन के बाय-लॉज़ के हिसाब से अपनी ड्यूटी पूरी तरह से करनी चाहिए। केएससीए ने यह पक्का करने के लिए एक अंतरिम एकतरफ़ा ऑर्डर भी मांगा है कि चुनाव प्रोसेस बिना किसी रुकावट के जारी रहे।

कानूनी और एडमिनिस्ट्रेटिव मुश्किलों की वजह से अभी की उलझन बनी हुई है। ऑफिस-बेयरर्स के लिए नौ साल के टर्म रूल के मतलब को लेकर विवाद की वजह से केस हुआ है, जबकि ओ.एस. न. 7680/2025 में एक अंतरिम रोक को इलेक्टोरल ऑफिसर ने टालने की एक मुख्य वजह बताया है।

ऑफिसर ने यह भी दर्ज किया है कि एलिजिबिलिटी के मामलों पर मैनेजिंग कमेटी से मांगी गई सफाई काफी नहीं थी, जिससे कन्फ्यूजन पैदा हो रहा है जिससे चुनाव की लीगैलिटी पर असर पड़ सकता है।

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