लुधियाना , अक्टूबर 14 -- केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब में फसल के नुकसान की भरपाई के लिए गेहूं के बीज की मुफ्त आपूर्ति के लिए 74 करोड़ रुपये जारी किये हैं और सरसों तथा अन्य बीजों के लिए धनराशि स्वीकृत की गयी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 11.09 लाख किसानों के खातों में 222 करोड़ रुपये अग्रिम रूप से हस्तांतरित किये जा चुके हैं। बागवानी क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी एमआईडीएच योजना के माध्यम से सहायता भेजी जायेगी।

केन्द्रीय मंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) लुधियाना के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया और मक्का हितधारकों, किसानों, ग्रामीण विकास योजनाओं के लाभार्थियों और महिला स्वयं सहायता समूहों की दीदियों से बातचीत भी की।

केंद्रीय मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पंजाब क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार की प्रमुख कृषि और ग्रामीण विकास पहलों और योजनाओं की जानकारी साझा की गयी। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी, रेल एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां भी उपस्थित थे।

श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन लागत कम करना और किसान की आय बढ़ाना हमारा मुख्य लक्ष्य है। गेहूं और चावल की खेती के मामले में हम पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं, लेकिन कृषि में विविधता लाना बेहद जरूरी है। गेहूं और धान के बाद तीसरी सबसे बड़ी फसल मक्का है, जिसका उपयोग भोजन के अलावा कई अन्य कार्यों में भी किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि धान का मुकाबला केवल मक्का ही कर सकता है, जिससे पानी की भी बचत होगी और किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। इस दृष्टि से मक्का अनुसंधान संस्थान बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां किये जा रहे अनुसंधान मक्का के उत्पादन को बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो रहे हैं।

श्री चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब की मदद के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पंजाब में बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने पंजाब को 1600 करोड़ रुपये का पैकेज दिया है ताकि बाढ़ प्रभावित परिवारों का जीवन पटरी पर लौट सके।

केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की कि पंजाब में बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए 36,703 घरों के पुनर्निर्माण के लिए प्रति परिवार एक लाख 60 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें से एक लाख 20 हजार रुपये मकान निर्माण के लिए और 40 हजार रुपये मजदूरी और शौचालय निर्माण के लिए हैं।

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