श्रीनगर , अक्टूबर 19 -- न्यायिक जांच की घोषणा के कुछ दिनों बाद, लद्दाख के नेताओं और केंद्र सरकार के बीच रुकी हुई वार्ता फिर से शुरू होने वाली है। केंद्र सरकार ने 22 अक्टूबर को नयी दिल्ली में उपसमिति स्तर की चर्चा के लिए लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है।
एलएबी के सह-अध्यक्ष दोरजय लारकुक ने रविवार को कहा कि लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग का नेतृत्व करने वाले दोनों नागरिक समाज समूहों को गृह मंत्रालय ने बैठक के लिए बुलाया है।
लद्दाख पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक बाद में होगी। 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा के बाद लद्दाख के नेताओं और केंद्र के बीच बातचीत रुकी हुई थी।
24 सितंबर को लेह में हिंसा भड़क उठी थी जब सुरक्षा बलों ने छठी अनुसूची का दर्जा और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर कथित रूप से गोलीबारी की थी, जिसमें चार लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गए थे।
इसके बाद अधिकारियों ने कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगा दिए, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं और 70 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी शामिल थे, जिन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।
प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी हैं, प्रतिबंधों में ढील दी है और दावा किया है कि सामान्य स्थिति लौट आई है। एलबीए और केडीए इस बात पर अड़े रहे कि न्यायिक जांच के आदेश दिए जाने तक बातचीत नहीं होगी।
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