पटना , अक्टूबर 03 -- बिहार सरकार ने केंद्रीय कर्मियों की तर्ज पर बिहार सरकार के सभी वर्ग के कर्मियों और पेंशनधारकों के महंगाई भत्ता (डीए) में बढ़ोतरी कर दी है।
डीए को 55 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य कैबिनेट की विशेष बैठक में लिया गया।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने आज यहां आयोजित संवादाता सम्मेलन में बताया कि कैबिनेट में 129 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें कई विभागों में बहाली से संबंधित प्रस्ताव से लेकर सड़क निर्माण समेत कई अहम एजेंडे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मियों के साथ ही पेंशनधारकों को बढ़े हुए डीए का लाभ एक जुलाई 2025 के प्रभाव से मिलेगा। इस बढ़ोतरी से राज्य सरकार के खजाने पर 917 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
श्री चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले कुछ महीनों में जनकल्याणकारी और कर्मियों को लाभ पहुंचाने से संबंधित जो भी घोषणाएं की गई हैं, उन्हें अमलीजामा पहनाने के लिए कैबिनेट में खासतौर से निर्णय लिए गए हैं। इन्हें मूर्तरूप देने या धरातल पर उतारने के लिए कैबिनेट में अलग-अलग राशि दी गई है। इसके तहत मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के अंतर्गत संचालित अल्पवास गृहों को शक्ति सदन में परिवर्तित कर संचालित करने के लिए 250 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बालक/बालिका छात्रवृत्ति योजना के तहत राशि में बढ़ोतरी करते हुए 1800 रुपये वार्षिक से बढ़ाकर 3600 कर दी गई है। यह वार्षिक बढ़ोतरी क्लास 09 से 10 तक के लिए की गई है। इसी तरह क्लास 01 से 04 तक के लिए 600 रुपये से बढ़ाकर 1200 वार्षिक, 05 से 06 क्लास के लिए 1200 से 2400 रुपये और क्लास 07 एवं 08 के लिए 1800 से बढ़ाकर 3600 रुपये वार्षिक कर दी गई है।
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