जयपुर , नवम्बर 05 -- राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक फैसले में कहा है कि जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) क्षेत्राधिकार में बिना भू-रूपांतरण के कृषि भूमि पर व्यवसायिक विवाह स्थल के रूप में संचालन नहीं किया जा सकता।

अदालत ने कहा कि कृषि भूमि पर बिना रूपांतरण किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधि, जैसे मैरिज गार्डन, चलाना पूरी तरह गैरकानूनी है।

न्यायाधीश समीर जैन की अदालत ने यह आदेश एक याचिकाकर्ता द्वारा अपने मैरिज गार्डन को जेडीए द्वारा सील किए जाने की कार्रवाई को चुनौती देने पर मंगलवार को दिया है। याचिका में कहा गया था कि शहर में बड़ी संख्या में कृषि भूमि पर मैरिज गार्डन संचालित हो रहे हैं, लेकिन जेडीए अधिकारियों ने केवल उसी गार्डन को सील किया जबकि अन्य पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

अदालत ने जेडीए अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि वे केवल चुनिंदा गार्डनों पर कार्रवाई नहीं कर सकते। यदि जेडीए अधिकारी चयनित नीति अपनाते हैं, तो उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने जेडीए को निर्देश दिए कि शहर में जितने भी मैरिज गार्डन कृषि भूमि पर संचालित हैं, उन पर समान रूप से कार्रवाई की जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में बिना रूपांतरण के कोई भी व्यावसायिक गतिविधि कृषि भूमि पर न हो।

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