भोपाल , अक्टूबर 17 -- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश कृषि विकास और किसान कल्याण के क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। सरकार किसानों के हर सुख-दुख में साथ खड़ी है और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए नवाचार को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश ने बीते वर्षों में उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। दाल उत्पादन में प्रथम, खाद्यान्न उत्पादन में द्वितीय तथा तिलहन उत्पादन में तृतीय स्थान प्राप्त किया है। त्रि-फसली खेती के क्षेत्र में भी तेजी से वृद्धि हुई है। साथ ही, नरवाई जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य स्तर पर प्रभावी कदम उठाए गए हैं।

राज्य सरकार ने रबी 2024-25 में उपार्जित गेहूँ पर 175 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि प्रदान की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फरवरी 2025 में 83.50 लाख से अधिक किसानों को लगभग 1770 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में सिंगल क्लिक से अंतरित किए गए। वहीं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत डॉ. मोहन यादव द्वारा 81 लाख किसानों के खातों में 1624 करोड़ रुपये जमा किए गए।

राज्य में पहली बार भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत सोयाबीन का उपार्जन किया गया। 2,12,568 किसानों से 6.22 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदी गई, जिसकी कीमत Rs.3043.04 करोड़ रही। श्रीअन्न उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू की गई है, जिसके तहत किसानों को Rs.3900 प्रति हेक्टेयर की राशि डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने, भूमि रिकॉर्ड को एनसीआईपी पोर्टल से एकीकृत करने और किसानों को अनुकूल सेवा देने के लिए मध्यप्रदेश को उत्कृष्टता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।

नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत प्रदेश में 89 दीदियों को स्वावलंबी बनाया गया है। इन दीदियों ने 4200 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रोन से तरल उर्वरक का छिड़काव कर Rs.21.22 लाख की शुद्ध आय अर्जित की है। वर्ष 2025-26 में 1066 दीदियों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है।

फसल अवशेष जलाने की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 46,800 से अधिक नरवाई प्रबंधन कृषि यंत्र किसानों को अनुदान पर वितरित किए हैं। इसके लिए Rs.412 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। साथ ही, 412 युवाओं को ड्रोन पायलट तथा 33 को ड्रोन तकनीशियन के रूप में प्रशिक्षित किया गया है।

कृषकों को सस्ते दरों पर यंत्र उपलब्ध कराने और युवाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से अब तक 4730 कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित किए गए हैं। प्रत्येक केन्द्र के लिए 25 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर 40 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है।

फार्म गेट एप के माध्यम से किसान अपनी उपज का विवरण और फोटो अपलोड कर मंडी में पंजीकृत व्यापारियों से सीधे मोलभाव कर सकते हैं। इससे फसल बिक्री में पारदर्शिता आई है और परिवहन लागत में कमी हुई है।

रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत किसानों को Rs.1000 प्रति क्विंटल की दर से Rs.3900 प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जा रही है। साथ ही, शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण के लिए Rs.600 करोड़ का प्रावधान किया गया है। विगत वर्ष गेहूँ पर Rs.125 प्रति क्विंटल बोनस भी किसानों को दिया गया।

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