पटना , दिसंबर 26 -- बिहार के कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने शुक्रवार को कहा कि कृषि उत्पादों की विश्वस्तरीय पैकेजिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग एवं गुणवत्ता मानकों को अपनाना समय की मांग है, जिससे उत्पादों का मूल्य बढ़े, बाजार में विश्वसनीयता बने और किसानों को उनकी उपज का बेहतर एवं लाभकारी मूल्य प्राप्त हो सके।

श्री यादव ने आज यहां "कृषि विपणन की चुनौतियाँ एवं सुधार की दिशा" विषय पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुये कहा कि कृषि क्षेत्र को लाभकारी और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लैंड टू कंज़्यूमर की एक सुदृढ़ एवं डिजिटाइज्ड व्यवस्था स्थापित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक की पूरी आपूर्ति शृंखला को पारदर्शी, दक्ष और समयबद्ध बनाना होगा। इसके साथ ही कृषि उत्पादों की विश्वस्तरीय पैकेजिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग एवं गुणवत्ता मानकों को अपनाना समय की मांग है, जिससे उत्पादों का मूल्य बढ़े, बाजार में विश्वसनीयता बने और किसानों को उनकी उपज का बेहतर एवं लाभकारी मूल्य प्राप्त हो सके।

कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां की बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि हमारे किसान मेहनत से उत्पादन करते हैं, लेकिन उनकी सबसे बड़ी चुनौती खेती के बाद के चरण, अर्थात् कृषि विपणन में सामने आती है। यदि किसान को सही समय पर, सही बाजार और उचित मूल्य नहीं मिले, तो उसकी मेहनत का पूरा लाभ उसे नहीं मिल पाता।

कृषि मंत्री श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संकल्पों को साकार करने के लिए किसानों का सर्वांगीण उत्थान अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की इस समस्या को गंभीरता से समझती है और इसके स्थायी समाधान के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 में एपीएमसी अधिनियम के निरसन के बाद, चतुर्थ कृषि रोड मैप के विजन के अंतर्गत वर्ष 2024 में कृषि विपणन निदेशालय का गठन किया गया है। इस निदेशालय का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना तथा भंडारण, विपणन, मूल्य संवर्द्धन, प्रसंस्करण, निर्यात संवर्द्धन और ग्रामीण हाटों के विकास को बढ़ावा देना है।

श्री यादव ने कहा कि वर्तमान में बिहार में कृषि विपणन से जुड़ी प्रमुख चुनौतियाँ बाजार तक पहुँच, आवश्यक अवसंरचना का विकास और ग्रामीण हाटों का सुदृढ़ीकरण हैं। इन चुनौतियों के समाधान के लिये सरकार द्वारा कई सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों को डिजिटल माध्यम से बाजार से जोड़ने के लिए ई-नाम जैसे प्लेटफॉर्म को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा।उन्होंने विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, किसान प्रतिनिधियों, एफपीओ और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे जमीनी स्तर की समस्याओं और उनके व्यावहारिक समाधानों पर अपने सुझाव साझा करें। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी और किसान हित में ठोस निर्णय लेगी।

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