नयी दिल्ली , दिसंबर 24 -- केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने यहां बुधवार को कौशल भवन में कौशल नीति में कृत्रिम बौद्धिकता (एआई) को शामिल कर युवाओं और कार्यबल को भविष्य की तकनीकी जरूरतों के अनुरूप तैयार करने पर एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक की अध्यक्षता की। यह पहल विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
बैठक में इंडिया एआई मिशन के भविष्य के लिये आवश्यक कौशल (फ्यूचर स्किल्स) स्तंभ और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) की प्रमुख योजनाओं की समीक्षा की गयी। इनमें व्यक्तियों और संगठनों को एआई द्वारा संचालित भविष्य के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और दक्षताओं से लैस करना (एसओएआर - स्किलिंग फॉर एआई रेडिनेस), प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) और माइक्रोसॉफ्ट का सहयोग, महिलाओं के लिए एआई करियर कार्यक्रम (टेकसक्षम 2.0) और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 4.0 के तहत एआई प्रशिक्षण शामिल हैं। साथ ही कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच आपसी समन्वय को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई।
इस अवसर पर श्री चौधरी ने कहा कि एआई कौशल को बड़े स्तर पर विकसित करने के लिए सरकार, उद्योग, शिक्षा संस्थानों और प्रशिक्षण केंद्रों के बीच गहरा सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग की सह-भागीदारी को बढ़ाने, लचीले सीखने के रास्ते अपनाने और प्रशिक्षण व्यवस्था को वास्तविक जरूरतों के अनुरूप बनाए रखने पर काम कर रही है, ताकि युवाओं को रोजगार से जुड़े आधुनिक कौशल मिल सकें।
बैठक के बाद मंत्रालय की ओर से एक बहु-हितधारक परामर्श भी आयोजित किया गया, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, इंडिया एआई मिशन, उद्योग जगत, शिक्षा संस्थान, नियामक और कौशल क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हुए।
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