कुशीनगर , अक्टूबर 27 -- उत्तर प्रदेश में कुशीनगर जिले के तमकुही के जंगलीपट्टी गांव के समीप नारायणी नदी के तट पर अंतरिक्ष की प्रयोगशाला उतरी तो पांच मिनट के अंतराल पर 20 मिनट में चार रॉकेट प्रक्षेपित हुए।

एक किलोग्राम का कैनसेट लेकर 20 किलोग्राम के रॉकेट ने जब आसमान में 700 से 900 मीटर की दूरी तय की तो उत्तर भारत में पहली बार कुशीनगर में होने वाली इन-स्पेस मॉडल राकेट्री-कैनसेट इंडिया स्टूडेंट कंप्टीशन 2024-25 ने आविष्कार, नवाचार का नया अध्याय भी लिखा।

प्रक्षेपण के लिए एक प्लेटफॉर्म पर पांच लॉचिंग पैड बनाए गए थे। प्रक्षेपण की शुरुआत सुबह सात बजे से होनी थी, लेकिन सिस्टम ठीक करने में देरी के चलते 9 .30 बजे टीम नंबर 28 द्वारा पहला सफल प्रक्षेपण किया गया। इसरो और इन-स्पेस के वैज्ञानिकों द्वारा प्रशासनिक टीम की मौजूदगी में सोमवार से गुरुवार तक चार दिवसीय रॉकेट लॉन्च प्रक्षेपण कार्यक्रम के तहत पहले दिन सोमवार को सुबह 9 बजे रॉकेट लांच प्रक्षेपण कार्यक्रम शुरू हुआ। सुबह 9 बजे से शुरू हुआ राकेट लांच प्रक्षेपण कार्यक्रम सुबह 9 बजकर 50 मिनट तक चला। वैज्ञानिकों की टीम ने हर पांच मिनट के अंतराल पर 4 राकेट का सफल प्रक्षेपण किया। लगभग आठ सौ से एक किलोमीटर की दूरी वाले इन रॉकेट लांचर के सफल प्रक्षेपण को लेकर इससे जुड़े वैज्ञानिकों की टीम एवं प्रशासनिक टीम काफी उत्साहित रही।

रॉकेट लॉन्च प्रक्षेपण कार्यक्रम के तहत पहले दिन 10 टीमों द्वारा दस राकेट को लांच कर उनका प्रक्षेपण किया जाना था। लेकिन 6 टीमें प्रक्षेपण के लिए तैयार नहीं हो सकी थी। जिससे इस कार्यक्रम में चार राकेट लांच हो सके। सुबह 9 बजे से शुरू हुआ राकेट लांच प्रक्षेपण में हर पांच मिनट के अंतराल पर 4 राकेट लांच कर उनका सफल प्रक्षेपण किया गया। लगभग 50 मिनट के अंदर 800 मीटर से एक किलोमीटर की दूरी वाले इन चारों राकेट लॉन्चरों के सफल प्रक्षेपण से इससे जुड़े वैज्ञानिकों की टीम एवं प्रशासनिक टीम काफी उत्साहित रही। वही एपी तटबंध किनारे शुरू हुए इस प्रक्षेपण कार्यक्रम एवं प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर ग्रामीणों सहित युवाओं में अति उत्साह देखने को मिला।

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