शिमला, सितंबर 30 -- हिमाचल प्रदेश पुलिस ने कुल्लू के पूर्व उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) विकास शुक्ला के खिलाफ एक महिला द्वारा तीन साल से अधिक समय तक यौन शोषण, मारपीट और आपराधिक धमकी देने के आरोपों के आधार पर प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है।
कुल्लू महिला पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (भादस) की विभिन्न् धाराओं और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शिकायत के अनुसार, 42 वर्षीय एक सरकारी कर्मचारी ने बताया कि शुक्ला ने 2021 में संपत्ति विवाद के बहाने उसे अपने सरकारी आवास पर बुलाया था। वहां, कथित तौर पर शादी का झूठा वादा करके उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया।
अगले तीन वर्षों तक, पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसका बार-बार यौन और मानसिक शोषण किया गया। विरोध करने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकियां दी गईं।
पीड़िता ने आगे बताया कि 24 सितंबर 2024 को शुक्ला ने अपने साथियों, पंकज गोस्वामी और वकील राजीव, के साथ मिलकर उसे अपने घर में बंधक बनाया, उसका मोबाइल फोन छीन लिया और मारपीट की। इस दौरान मारपीट का वीडियो बनाया गया, जिसका उपयोग बाद में उसे धमकाने के लिए किया गया।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि कई शिकायतों के बावजूद पुलिस ने शुरू में कार्रवाई करने से इनकार किया और उस पर समझौते का दबाव डाला। उसे झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी गई। केवल वरिष्ठ अधिकारियों और मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित करने के बाद ही प्राथमिकी दर्ज की गई।
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