नैनीताल/चंपावत , अक्टूबर 01 -- उत्तराखंड के नैनीताल और चंपावत जिले में बुधवार को शहीद सैनिकों के सम्मान में शहीद सम्मान यात्रा 2.0 का आयोजन किया गया। इस मौके पर शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी को संग्रहीत किया गया।।

नैनीताल जिले में आयोजित शहीद सम्मान यात्रा रातीघाट शहीद लान्स नायक संजय बिष्ट (सेना मेडल) के घर पहुंची और उनके आंगन की पवित्र मिट्टी को ताम्र कलश में संग्रहित किया गया।

इस दौरान सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (सेनि) रमेश सिंह ने बताया कि सेना मेडल से सम्मानित शहीद लांस नायक संजय बिष्ट जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के केरी सैक्टर में उग्रवादियों के साथ हुई गोलीबारी में 23 नवम्बर, 2023 को वीरगति को प्राप्त हो गये थे। इससे पूर्व शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयीं। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद अजय भट्ट और नैनीताल विधायक श्रीमती सरिता आर्य मौजूद रहीं।

इधर चंपावत जिले में शहीद हवलदार हयात राम की स्मृति को अक्षुण्ण रखने हेतु बुधवार को शहीद सम्मान यात्रा उनके पैतृक गांव मऊ (बाराकोट) पहुंची। सर्व प्रथम शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए और उनके आंगन की पवित्र मिट्टी को पूरे राजकीय सम्मान के साथ संग्रहित किया गया।

शहीद के निवास स्थान पर आयोजित कार्यक्रम में एनसीसी कैडेड्स द्वारा शहीद को भावपूर्ण सलामी दी गई। इस दौरान शहीद वीर नारी श्रीमती उजाली देवी और उनके पुत्र व पुत्रवधू द्वारा नम आँखों से आंगन की पावन माटी को एक ताम्र कलश में सौंपा गया।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में 22 सितंबर से चार अक्टूबर 2025 तक शहीद सम्मान यात्रा 2.0 का आयोजन किया जा रहा है। इससे पूर्व, वर्ष 2021 से पूर्व के वीर बलिदानी सैनिकों को सम्मानित करते हुए उनके आंगन से पवित्र मिट्टी एकत्रित कर सैन्य धाम देहरादून में प्रतिस्थापित की गयी थी।

शहीद सम्मान यात्रा 2.0 का उद्देश्य वर्ष 2021 के बाद जो सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए हैं उनको सम्मानित करते हुए उनके घर आंगन की मिट्टी को एकत्रित कर सैन्य धाम में प्रतिस्थापित किया जाना है।

इसी के साथ ताम्र कलश में संग्रहित माटी को शहीद के परिजनों के साथ आगामी 04 अक्टूबर को शहीदों की स्मृति में लैंसडाउन में आयोजित कार्यक्रम में एकत्र किया जाएगा। अगले दिन 05 अक्टूबर को सभी शहीदों के परिजनों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सम्मानित किया जाएगा। उसके पश्चात शहीदों के आंगन से संग्रहित पवित्र मिट्टी के कलशों को सैन्य धाम में प्रतिस्थापित किये जाने के लिए भेज दिया जायेगा।

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