हल्द्वानी , नवंबर 24 -- उत्तराखण्ड में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार की हकीकत एक बार फिर उजागर हो रही है। हल्द्वानी के शोभन सिंह जीना बेस अस्पताल में बनी अत्याधुनिक आईसीयू यूनिट सरकारी लापरवाही का ताज़ा उदाहरण है, चार साल पहले अस्पताल में करोड़ों की लागत से 10 बेड का हाई-टेक आईसीयू तैयार किया गया लेकिन यह आज भी बंद पड़ा है।
जीना अस्पताल में महंगी मशीनें धूल फांक रही हैं और मरीज इलाज के लिए दूसरे हायर सेंटर रेफर किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य महानिदेशक ने भी इस बंद आईसीयू पर चिंता जताई है।उनका कहना है कि जब तक आईसीयू के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर और तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक इसे चलाना मुश्किल है, हैरानी की बात यह है कि चार साल में भी व्यवस्था अपनी जगह नहीं बना पाई।
आईसीयू बंद होने के कारण, विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती नहीं होने, टेक्निकल स्टाफ की भारी कमी, प्रशासनिक उदासीनता,बंद आईसीयू का असर गंभीर मरीजों पर पड़ रहा है उन्हें देहरादून, दिल्ली और दूसरे हायर सेंटर भेज दिया जाता है। जिसके कारण मरीजों को मजबूरी में आर्थिक बोझ और समय की बर्बादी झेलने पड़ती है।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर जनता का भरोसा टूटने से अस्पताल प्रशासन भी इस स्थिति से चिंतित है।
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