नागपुर , दिसंबर 12 -- महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने शुक्रवार को राज्य विधान परिषद को बताया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है कि राज्य में कोई भी बच्चा कुपोषण के कारण अपनी जान न गंवाए।

सदस्य संजय खोदके और अन्य द्वारा उठाए गए आधे घंटे के विचार-विमर्श का उत्तर देते हुए सुश्री तटकरे ने कहा कि राज्य में कुपोषित बच्चों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है और यह 2019-20 में 246 से घटकर 2025-26 में 97 रह गई है। गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों का हिस्सा भी 2024 में 0.79 प्रतिशत से घटकर 2025 में 0.4 प्रतिशत हो गया है।

उन्होंने घोषणा की कि कुपोषण के खिलाफ प्रयासों को तेज करने के लिए महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और जनजातीय विकास विभागों को मिलाकर एक अंतरविभागीय समिति का गठन किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा, "मुख्यमंत्री की 100 दिवसीय कार्य योजना में कुपोषण उन्मूलन पर विशेष जोर दिया गया है।"राज्य मंत्री मेघना सकोरे बोरदिकर ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए चल रही विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दूरस्थ क्षेत्रों में कई योजनाएं लागू की जा रही हैं, अस्पतालों की सुविधाओं और स्वच्छता मानकों को उन्नत किया जा रहा है, और संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए परामर्श प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत वर्तमान में 42,602 गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पोषण संबंधी सहायता मिल रही है।

सुश्री बोरदिकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि शिशु मृत्यु कई कारणों से होती है, न कि केवल कुपोषण के कारण।

इसी बीच, विधान परिषद में आधे घंटे की एक और चर्चा का जवाब देते हुए, राज्य मंत्री पंकज भोयर ने पूरे भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

सदस्य सत्यजीत तांबे द्वारा शुरू की गई इस चर्चा में शिवाजी महाराज के इतिहास से संबंधित सीबीएसई पाठ्यक्रम में मौजूद कमियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। भोयर ने कहा कि वे केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मिलकर देशभर के छात्रों के लिए शिवाजी महाराज पर व्यापक और प्रेरणादायक सामग्री को शामिल करने का अनुरोध करेंगे।

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