देहरादून , नवम्बर 10 -- कुख्यात चन्दन तस्कर वीरप्पन के साथ मुठभेड़ में शहीद 1979 बैच के भारतीय वन सेवा अधिकारी (आईएफएस) पी. श्रीनिवास की स्मृति में सोमवार को वार्षिक 'पी.श्रीनिवास स्मृति व्याख्यान' का आयोजन देहरादून स्थित इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आइजीएनएफए) द्वारा हरि सिंह ऑडिटोरियम में किया।

मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति अध्यक्ष, सेवानिवृत आईएफएस, सिद्धांत दास ने अपने स्मृति व्याख्यान में कहा कि देश को ऐसे बहादुर, निष्ठावान और साहसी अधिकारियों की आवश्यकता है, जिनमें सामाजिक कौशल भी हो। उन्होंने शहीद पी. श्रीनिवास के साहस और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी की समझ से प्रेरित होने की आवश्यकता पर बल दिया।

उल्लेखनीय है कि शहीद पी. श्रीनिवास 1979 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएफएस अधिकारी थे। उनके कार्यकाल के दौरान कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में हाथी दांत और चंदन के दुर्दांत तस्कर वीरप्पन के नाम की दहशत थी। उसे पकड़ने के लिए सरकार द्वारा एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया था। जिसमें पी श्रीनिवास भी शामिल थे। उनके अथक प्रयासों से वीरप्पन के मुख्य साथी और उसके भाई को आत्मसमर्पण करने के लिए राजी कर लिया गया। वह पहले और एकमात्र ऐसे अधिकारी थे, जो 1986 में वीरप्पन को गिरफ्तार करने में कामयाब हुए थे। वीरप्पन द्वारा आत्मसमर्पण करने का झूठा संदेश भेजकर श्रीनिवास को अकेले और बिना हथियार के मिलने के लिए बुलाया। किंतु वीरप्पन ने 37 वर्षीय निहत्थे पी. श्रीनिवास को 10 नवम्बर 1991 को नृशंस तरीके से मार दिया। भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी 1992 को श्री पी. श्रीनिवास को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।

अकादमी द्वारा उनकी स्मृति में व्याख्यान माला प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाती है। ताकि लोक सेवा की यह प्रतिबद्धता भारतीय वन सेवा और राज्य वन सेवा के परिवीक्षार्थियों को अंतरित की जा सके।

कार्यक्रम में निदेशक, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी भारती, अपर निदेशक राज कुमार बाजपेयी, अकादमी के अनेक संकाय सदस्य, कार्मिक गण के साथ अनेक वेटरन वन सेवा अधिकारी, विभिन्न वन संस्थानों के प्रमुख और विभागाध्यक्ष, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी के 2024 बैच के परिवीक्षार्थी तथा एफआरआई डीम्ड यूनिवर्सिटी के छात्र उपस्थित थे।

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