जयपुर , नवम्बर 27 -- राजस्थान के कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डाॅ किरोड़ी लाल मीणा ने राज्य सरकार को किसानों को उर्वरकों की निर्बाध रूप से पर्याप्त एवं समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध बताया है और कहा है कि जिन जिलों में यूरिया एवं डीएपी की कमी की स्थिति बनी है वहां तत्काल प्रभाव से पूर्ति कराई जा रही है।
डाॅ मीणा ने गुरुवार को यहां मीडिया से रूबरू होकर राज्य सरकार के प्रयासों के बारे में बताया कि प्रदेश में उर्वरकों की आपूर्ति नियमित रूप से जारी है। प्रदेश में समय पर हुई पर्याप्त वर्षा तथा गत अक्टूबर में दो बार असामयिक वर्षा से भूमि में नमी की उपलब्धता बढ़ी, जिससे कृषकों द्वारा अग्रिम बुवाई में तेजी आयी। इस वर्ष 26 नवम्बर तक गत वर्ष की तुलना में नौ लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में बुवाई की जा चुकी है, वहीं तिलहनी फसलों में 34 लाख हेक्टेयर एवं खाद्यान्न फसलों में 29 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्रथम सिंचाई के साथ यूरिया की टॉप ड्रेसिंग भी की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप यूरिया की मांग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा आवश्यकता से अधिक उर्वरक खरीदने की प्रवृत्ति भी मांग में वृद्धि का एक प्रमुख कारण है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में कोई कमी नहीं रखी। पिछले दो वर्षों में डीएपी की औसत आपूर्ति 2.53 लाख टन करायी जा चुकी है, जो पूर्व सरकार के पांच वर्षीय औसत से अधिक है।
उन्होंने बताया कि रबी सीजन के पहले दो महीनों अक्टूबर एवं नवम्बर में 7.53 लाख टन की मांग के विरुद्ध 9.15 लाख टन यूरिया उपलब्ध करवा दिया गया है। इसके अतिरिक्त 24 हजार टन की आपूर्ति जारी है तथा आगामी दो दिनों में 31 हजार टन यूरिया और उपलब्ध होने से महीने के अंत तक कुल उपलब्धता 9.70 लाख टन से अधिक हो जाएगी, जो मांग से 29 प्रतिशत अधिक है।
प्रदेश में अब तक लगभग 95 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बुवाई हो चुकी है, जिसके अनुरूप लगभग सात लाख टन यूरिया की आवश्यकता है जबकि 9.15 लाख टन पहले ही किसानों को उपलब्ध करवा दिया गया है और निरंतर आपूर्ति जारी है।
डाॅ मीणा ने बताया कि विभाग द्वारा उर्वरकों का समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक विक्रय केंद्र पर विभागीय अधिकारियों की ड्यूटी लगायी गयी है। किसानों को टोकन सिस्टम के माध्यम से उर्वरक वितरण कराया जा रहा है तथा भीड़ होने पर पंक्तिबद्ध व्यवस्था लागू की गयी है। कई जिलों बांरा, झालावाड़, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अलवर, भीलवाड़ा आदि में मांग से अधिक यूरिया की उपलब्धता करायी गयी है। प्रतापगढ़ जिले के धरियावद क्षेत्र में भी 2000 टन यूरिया की शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि कोटपूतली-बहरोड़ में 8500 टन डीएपी एवं 16 हजार टन यूरिया उपलब्ध करायी जा चुकी है तथा नवम्बर के शेष दिनों में लगभग 50 हजार टन यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार एवं आपूर्तिकर्ता कंपनियों को निर्देशित किया गया है। आगामी दिसंबर के लिए स्वीकृत मांग 3.80 लाख टन को बढ़ाकर 4.50 लाख टन करने का आग्रह भी रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय को भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि उर्वरकों की कालाबाजारी एवं अनियमितताओं पर कड़ा शिकंजा कसते हुए वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 90 एफआईआर दर्ज करायी गयी हैं, 98 बिक्री प्राधिकार पत्र निलंबित एवं निरस्त किये गये हैं तथा 1069 कारण बताओ नोटिस जारी कर प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जा रही है।
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