भोपाल , अक्टूबर 03 -- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसानों की सेवा ही भगवान की सेवा है। किसी भी आपदा या विपत्ति में सरकार किसानों के साथ परिवार की तरह खड़ी है। किसानों की मेहनत और चेहरों की मुस्कान ही हमारी असली दीपावली है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक आपदा और कीट प्रकोप से प्रभावित किसानों को राहत राशि का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक से 13 जिलों के 8 लाख 84 हजार 772 किसानों के खातों में 653.34 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की। इसमें अतिवृष्टि/बाढ़ से प्रभावित 3.90 लाख किसानों को 331.34 करोड़ रुपये और सोयाबीन में पीला मोजेक व कीट व्याधि से प्रभावित 4.94 लाख किसानों को 322 करोड़ रुपये की राहत राशि दी गई।

डॉ. यादव ने कहा कि किसानों की खोई हुई मुस्कान लौटाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि धान उत्पादक 6.69 लाख से अधिक किसानों को 337 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है। अब सोयाबीन उत्पादकों के लिए भावांतर योजना लागू की गई है, जिससे एमएसपी और विक्रय मूल्य के अंतर की राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने संवाद के दौरान किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार उनके सुख-दुख में सहभागी है। किसानों ने राहत राशि मिलने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने दीपावली से पहले ही किसानों की दीपावली मना दी।

प्रदेश के विभिन्न जिलों में किसानों को राहत राशि वितरित की गई जिसमें रतलाम : 213.04 करोड़ रुपये, नीमच : 119.06 करोड़ रुपये, मंदसौर : 267.30 करोड़ रुपये, उज्जैन : 44 लाख रुपये, विदिशा : 62 लाख रुपये, बुरहानपुर (केला उत्पादक किसान) : 3.39 करोड़ रुपये (करीब 2 लाख प्रति हेक्टेयर), शहडोल : 6.36 करोड़ रुपये, खंडवा : 55 लाख रुपये, बड़वानी : 37 लाख रुपये, दमोह (मक्का उत्पादक) : 56 लाख रुपये, अलीराजपुर : 41.55 करोड़ रुपये (49 हजार किसान लाभान्वित), मंडला : 53 हजार रुपये तथा सिवनी : मकान ढहने से प्रभावित किसान को 92 हजार रुपये की राशी अंतरित की गई।

मुख्यमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि शेष जिलों के सर्वे कार्य पूर्ण होने के बाद सभी प्रभावित किसानों को राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों का पसीना कभी व्यर्थ नहीं जाएगा, सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है।

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