रांची , दिसंबर 23 -- झारखंड की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने रांची के धुर्वा स्थित शालीमार मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र में मात्स्यिकी विषयक कार्यशाला सह संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया।

सुश्री तिर्की ने कहा कि किसानों की आय में बढ़ोत्तरी ही सरकार का लक्ष्य है। आय में बढ़ोत्तरी से ही सरकार की योजना का आकलन होगा। मतलब किसानों की आय में बढ़ोत्तरी ही योजना की सफलता का पैमाना होगा। ये बात.. विभाग ने इस बार राज्य में 260 वेद व्यास आवास योजना का लक्ष्य निर्धारित किया है। चिन्हित लाभुकों के बीच योजना का वितरण शुरू कर दिया गया है। इतना ही नहीं इस मौके पर 540 लाभुकों के बीच 964.37 लाख रुपए की परिसंपत्ति का वितरण किया गया, जिसमें पिकअप वैन, आइस बॉक्स, केज हाउस, मोटर चलित नाव, गिल नेट सहित अन्य योजनाएं शामिल है।

सुश्री तिर्की ने इस मौके पर कहा कि राज्य के मछुआरों को वेद व्यास आवास दिया जा रहा है। इससे मिट्टी के मकान में रहने वाले परिवार का पक्के मकान में रहने का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि मछुआरों के लिए दिए जा रहे वेद व्यास आवास की पहचान नीले रंग से होनी चाहिए। ऐसा करना बेहतर होगा और एक अलग पहचान बनेगी। मछुआरों के लिए सरकार क्या कर रही है इसका संदेश गांव - गांव, घर-घर तक जाना चाहिए। यही संदेश दूसरे लोगों को मत्स्य पालन से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगा।

सुश्री तिर्की ने कहा कि आज रोजगार को लेकर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक ललक नजर आती है। सरकार भोजन से लेकर आवास तक की योजना से रही है इसका मतलब ये नहीं की खुद के रोजगार से पैसा नहीं कमाया जाए। खास कर बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए ऐसा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य में गठबंधन वाली सरकार एक कल्याणकारी सरकार है, ये सरकार पूंजीपतियों की सरकार नहीं है।

राज्य के मत्स्य पालकों को विभाग प्रदेश के अंदर ही नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश भेजकर उन्हें दूसरे प्रदेश की तकनीक का प्रशिक्षण दिलाने का आज काम कर रही है। मत्स्य पालन के क्षेत्र में झारखंड के अंदर असीम संभावनाएं है। फिलहाल 4 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है जबकि क्षमता 7 लाख मिट्रिक टन तक की है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभाग और मत्स्य पालकों को संयुक्त पहल करने की जरूरत है।

इस मौके पर विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीकी, मत्स्य निदेशक डॉ एच एन द्विवेदी , उप सचिव राजीव रंजन तिवारी, संयुक्त निदेशक अमरेंद्र कुमार, मनोज कुमार ठाकुर, संजय कुमार गुप्ता, शंभू प्रसाद यादव, रवि रंजन कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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