जालौन , अक्टूबर 9 -- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को जालौन जिले के संक्षिप्त दौरे में उरई में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुये कालपी की पौराणिक और ऐतिहासिक महत्ता पर प्रकाश डाला और कहा कि कालपी को ऋषियों की भूमि कहा जाता है। यहां भगवान वेदव्यास की तपोभूमि, सूर्य मंदिर, रक्तदाका देवी, बैरागढ़ की शारदा मैया और जयंती देवी जैसे पावन स्थल मौजूद हैं, जिनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के समय कालपी ने फिरंगियों के दांत खट्टे कर दिए थे। यहां के वीर सेनानियों ने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि दिवाली से पहले इस ऐतिहासिक और पावन धरा पर आने का अवसर उनके लिए "सोने पर सुहागा" जैसा है।
योगी आदित्यनाथ ने जालौन की पहचान को लेकर कहा कि कालपी का हैंडमेड कागज पूरे देश में प्रसिद्ध है और 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' योजना के तहत सरकार ने इसे और सशक्त पहचान दिलाने का कार्य किया है। उन्होंने स्टेडियम के बाहर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और स्थानीय उत्पादकों की मेहनत व गुणवत्ता की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जालौन की धरती को पंचनद क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां यमुना, चंबल, पहुंच, कुंवारी और पांडु नदियां आपस में मिलती हैं। यह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और क्षेत्र की पहचान को और समृद्ध करता है।
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