नैनीताल , अक्टूबर 10 -- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के तत्कालीन निदेशक और भारतीय वन सेवा के अधिकारी राहुल के खिलाफ उत्तराखंड शासन की ओर से मुकदमा चलाने को लेकर दी गयी अनुमति के मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है।
सीटीआर के पूर्व निदेशक राहुल की ओर से इस मामले को चुनौती दी गयी है। इस मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कालागढ़ टाइगर रिजर्व के पाखरो में शासन की बिना अनुमति के निर्माण कार्य करने और हजारों संरक्षित पेड़ों के कटान के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सीबीआई जांच के निर्देश दिये गये थे।
सीबीआई ने जांच के आधार पर इसी साल मई में आठ अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया था। इसके बाद उत्तराखंड शासन ने 04 सितंबर, 2025 को कुछ आरोपी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी।
वहीं सीटीआर के तत्कालीन निदेशक को इससे अलग कर दिया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि प्रदेश सरकार ने अचानक एक सप्ताह बाद उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी।
याचिकाकर्ता की ओर से सरकार के इस कदम को उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए कहा गया कि उसके खिलाफ अभियोग चलाने के लिये जो अनुमति दी गयी है वह सही नहीं है। उसके खिलाफ तथ्य नहीं हैं। याचिकाकर्ता की ओर से सरकार के इस कदम पर रोक लगाने की मांग की गयी।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित