लखनऊ , अक्टूबर 10 -- उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को कैसरबाग स्थित सफेद बारादरी में 'ग्रामश्री' और 'क्राफ्टरूट्स' द्वारा आयोजित हस्तशिल्प प्रदर्शनी का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। यह प्रदर्शनी 10 से 14 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें देशभर से आए पारंपरिक कारीगर अपनी उत्कृष्ट कला का प्रदर्शन कर रहे हैं।

राज्यपाल ने प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान कहा कि यह आयोजन कारीगरों के श्रेष्ठ कार्य और हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में पारंपरिक हस्तशिल्प की झलक देखने को मिलती है, जो न केवल भारत की पहचान है बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाती है।

उन्होने राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा पाँच हस्तशिल्प कारीगरों को डि.लिट. की मानद उपाधि प्रदान किए जाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि "पहले यह सम्मान केवल पद्म पुरस्कार प्राप्त हस्तशिल्पियों को दिया जाता था, लेकिन अब इसे कारीगर समुदाय के लिए विस्तार देना एक ऐतिहासिक कदम है।"राज्यपाल ने कहा कि "प्रौद्योगिकी के युग में पारंपरिक हस्तशिल्प को जीवित रखना अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' अभियान ने देश के कारीगरों को नया सम्मान और अवसर दिया है।" उन्होंने संस्था की अध्यक्ष अनारबेन पटेल के समर्पण और 25 वर्षों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका कार्य हस्तशिल्प जगत के लिए प्रेरणास्रोत है।

उन्होंने कारीगरों से अपील की कि वे अपने उत्पादों की विशेषता और निर्माण प्रक्रिया की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं ताकि समाज में हस्तशिल्प की उपयोगिता को और समझा जा सके।

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