कानपुर , अगस्त 25 -- उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर में शनिवार को सूर्योपासना का महापर्व 'छठ' नहरों और नदियों के घाटों में व्याप्त गंदगी के बीच 'नहाय खाय' के साथ शुरु हो गया।
गंगा तट पर स्थित कानपुर में घाटाें में पसरी गाद और गंदगी अब तक पूरी तरह साफ नहीं हो सकी है। घाटों की सीढ़ियों पर पूजन सामग्री,खंडित मूर्तियां और पालीथीन के छठ की पूर्व संध्या तक जस तस बिखरे पड़े दिखायी दिये, वहीं शहर के बीचोंबीच पनकी नहर, सीटीआई नहर,सचान गेस्ट हाउस में वेदी बन कर तैयार हैं मगर सालाें से नहरों की सफाई नहीं हो पाने से नहरों में टनो मलबा पसरा हुआ है। दीपावली से चंद दिन पहले जेसीबी मशीनो के जरिये कुछ मलबा निकाला गया।
नहरों की सफाई को लेकर सिंचाई विभाग और नगर निगम के बीच तालमेल का सर्वथा अभाव दिखायी देता है और दोनो ही विभाग एक दूसरे को सफाई का जिम्मेदार बता कर अपना पल्ला छाड़ते दिखायी पड़ रहे हैं। दो रोज पहले स्थानीय सांसद रमेश अवस्थी ने सीटीआई नहर का निरीक्षण किया था और सफाई कार्यो में सुस्ती के प्रति नाराजगी जाहिर की थी। उन्होने नगर निगम के अधिकारियों को फोन पर बात कर सफाई का काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिये थे।
इस बीच छठ महापर्व को लेकर शहर में उत्साह चरम पर है। विजय नगर,अर्मापुर,पनकी समेत कई इलाकों में बाजार खरीददारों से गुलजार रहे। लोगों ने छठ पर्व के लिये जरुरी पूजन सामग्री की जोर शोर से खरीददारी की और अपने घर आंगन को साफ सुथरा किया। नहरों और घाटों पर व्याप्त गंदगी से बचने के लिये बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपने घर पर छोटा जलाशय बना कर अर्घ्य देने का मन बना लिया है।
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